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![Maharashtra: ड्यूटी पर मरने वाले सफाई कर्मियों के परिवारों को मिलेगा मुआवजा, हाईकोर्ट ने नगर निकाय को दिए आदेश HC directs Thane civic body to release compensation to kin of sanitation workers who died on duty news updates](https://staticimg.amarujala.com/assets/images/2020/06/28/750x506/bombay-high-court_1593295394.jpeg?w=414&dpr=1.0)
बॉम्बे हाईकोर्ट (फाइल फोटो)
– फोटो : पीटीआई
विस्तार
बॉम्बे हाईकोर्ट ने ड्यूटी पर जान गंवाने वाले सफाई कर्मियों के परिवारों के हित में बड़ा फैसला सुनाया। हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र के ठाणे शहर में नागरिक निकाय को जल्द से जल्द मुआवजा जारी करने का निर्देश दिया है। आदेश में कहा गया है कि नगर निकाय को हर मामले में उत्तराधिकार या उत्तराधिकार प्रमाण पत्र की जांच करने पर जोर देने की आवश्यकता नहीं है।
न्यायमूर्ति धीरज सिंह ठाकुर और न्यायमूर्ति संदीप वी मारने की पीठ ने मंगलवार को श्रमिक जाटा संघ द्वारा दायर रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए उक्त आदेश पारित किया। संगठन के पदाधिकारी जगदीश खैरालिया ने एक विज्ञप्ति में कहा कि ड्यूटी के दौरान मरने वाले दस सफाई कर्मचारियों के परिवारों को अदालत के इस आदेश से लाभ होगा।
बॉम्बे हाईकोर्ट की पीठ ने अपने आदेश में कहा कि सीवर और निजी भवनों या कोऑपरेटिव सोसाइटी के सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान मरने वाले सफाई कर्मियों के परिवारों को मुआवजे की राशि मिलने में हो रही देरी के मुद्दे को इस याचिका में उठाया गया है। साथ ही कहा कि ठाणे महानगरपालिका ने प्रभावित परिवारों को 10 लाख रुपये का मुआवजा देने का प्रस्ताव स्वीकृत किया है, लेकिन वह रकम की अदायगी करने से पहले उत्तराधिकार या परिवार का सदस्य होने का प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने पर जोर दे रहा है।
याचिका दायर करने वालों ने आरोप लगाया है कि उत्तराधिकार प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने की मांग के कारण मुआवजे की राशि के भुगतान में देरी हो रही है और उनका खर्च भी बढ़ रहा है। अदालत ने निर्देश दिया कि वह हर मामले में उत्तराधिकार या उत्तराधिकार प्रमाणपत्र पर जोर न दे और दावों की प्रारंभिक जांच करने और राशि जारी करने को कहा। अदालत ने मामले पर अगली सुनवाई के लिए 24 अगस्त की तारीख तय की है।
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