Our Social Networks

रोहिंग्याः सुबह छह बजे छापे से मकदूम नगर में मची भगदड़, तीन वर्ष से लगातार जारी हैं छापे

रोहिंग्याः सुबह छह बजे छापे से मकदूम नगर में मची भगदड़, तीन वर्ष से लगातार जारी हैं छापे

[ad_1]

Raid at six in the morning created a stampede in Makdum Nagar

गिरफ्तार रोहिंग्या
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार


म्यांमार से आकर अलीगढ़ अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्या के खिलाफ धरपकड़ का यह पहला मौका नहीं है। शहर में इससे पहले भी कई बार धरपकड़ और गिरफ्तारी अभियान चल चुके हैं। लेकिन पहली बार इतनी संख्या में एक साथ गिरफ्तारी हुई। सोमवार सुबह छह बजे जब पुलिस व एटीएस की टीमों ने एक साथ छापा मारा तो कुछ देर के लिए मकदूम नगर में भगदड़ मच गई। कुछ स्थानीय लोग भी दबोच लिए गए। बाद में स्थानीय लोगों को छोड़कर बाकी लोगों को थाने ले आया गया। इस दौरान पकड़े गए लोगों में से कुछ के बच्चे व बुजुर्ग रह गए हैं। अब वह यहां से जाने का मन बना रहे हैं।

 म्यांमार से वर्ष 2012 और 2017 में पलायन कर देश में आए रोहिंग्या एक समय में शहर के मीट निर्यात कारोबार की धुरी बन गए। अधिकांश मीट फैक्टरियों में इन्हें काम मिला और काफी संख्या में शरणार्थी कार्ड या वर्क परमिट पर ये यहां रहे। मगर जब से वैध दस्तावेजों के अभाव में इनकी धरपकड़ शुरू हुई, तब से इनका यहां से पलायन शुरू हो गया है। वर्तमान में रिकार्ड के अनुसार, मात्र 57 रोहिंग्या  शरणार्थी कार्ड से रह रहे हैं। वहीं धरपकड़ के चलते अब मीट फैक्टरियों में काम और स्थानीय लोगों से मदद मिलनी बंद हो गई।  

पिछले कुछ दिनों से एटीएस स्तर से इनकी निगरानी की जा रही थी। इसी बीच पता चला कि कुछ रोहिंग्या लगभग पांच वर्ष पहले और कुछ इसी वर्ष की शुरुआत में यहां आकर रहने लगे हैं, जिनके पास कोई वैध दस्तावेज नहीं हैं। न इनके शरणार्थी कार्ड हैं। जब जांच पूरी हो गई तो इसी आधार पर एक साथ कार्रवाई तय की गई।

ये है कानून 

रिफ्यूजी एक्ट 1951 पर हस्ताक्षर न होने के कारण बिना शरणार्थी कार्ड के इनका यहां रहना वैध नहीं है। कोई दस्तावेज मिलता है तो धोखाधड़ी की धारा में मुकदमा दर्ज होता है अन्यथा बिना कागज के रहने पर विदेशी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज होता है, जिसमें 3 माह से 8 वर्ष तक की कैद का प्रावधान है। इसके अलावा, जमानत पर उन्हें उनके देश की सीमा पर छोड़ने का प्रावधान है। अगर उनके देश की सरकार उन्हें अपना मानती है तो अन्यथा उन्हें डिटेंशन सेंटर या किसी की निगरानी में रखने का प्रावधान है।

[ad_2]

Source link

Facebook
Twitter
LinkedIn
Pinterest
Pocket
WhatsApp

Related News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *