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पंडित नेहरू ने ओपेनहाइमर को की थी नागरिकता की पेशकश
– फोटो : सोशल मीडिया
विस्तार
‘परमाणु बम के जनक’ और मशहूर भौतिक विज्ञानी रॉबर्ट ओपेनहाइमर अपनी मृत्यु के कई सालों बाद फिर से चर्चा में आ गए हैं। इसकी वजह है कि क्रिस्टोफर नोलन की हालिया रिलीज फिल्म ‘ओपनहाइमर’, जो रॉबर्ट ओपेनहाइमर पर आधारित है। बीते दिनों एक किताब प्रकाशित हुई थी, जिसमें रॉबर्ट ओपेनहाइमर को लेकर एक दिलचस्प खुलासा किया गया था। अब चूंकि रॉबर्ट ओपेनहाइमर सुर्खियों में हैं तो किताब के उस दावे की भारत में खूब चर्चा है। ये दावा है कि देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने रॉबर्ट ओपनहाइमर को एक नहीं कई बार भारत में बसने और यहां की नागरिकता देने की पेशकश की थी।
होमी भाभा और ओपेनहाइमर थे अच्छे दोस्त
लेखक बख्तियार के दादाभाई ने देश के मशहूर भौतिक विज्ञानी होमी जहांगीर भाभा की जीवनी लिखी थी, जो इसी साल अप्रैल में जारी हुई। होमी जे भाभा: ए लाइफ, नामक इस किताब में होमी जहांगीर भाभा और रॉबर्ट ओपेनहाइमर की दोस्ती के बारे में भी लिखा गया है। किताब के अनुसार, युद्ध की समाप्ति के बाद भाभा और ओपेनहाइमर की मुलाकात हुई थी और दोनों अच्छे दोस्त बन गए थे। दरअसल भाभा की तरह ही ओपेनहाइमर भी एक सुसंस्कृत व्यक्ति थे और उन्हें संस्कृत, लैटिन और ग्रीक भाषाओं की भी जानकारी थी।
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पंडित नेहरू ने कई बार की थी नागरिकता देने की पेशकश
किताब के अनुसार, ‘जब ओपेनहाइमर ने परमाणु बम का अविष्कार कर दिया और उन्होंने उसके विनाश की ताकत को देखा तो वह ऐसे और हथियारों को विकास के खिलाफ हो गए और उन्होंने हाइड्रोजन बम बनाने से भी इनकार कर दिया था।’ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, रॉबर्ट ओपेनहाइमर के इनकार के बाद अमेरिकी सरकार ने उनके खिलाफ जांच बिठा दी थी और साल 1954 में उनकी सुरक्षा भी हटा ली गई थी। साथ ही नीतिगत फैसले लेने की प्रक्रिया से भी उन्हें बाहर कर दिया गया था। ओपेनहाइमर पर साम्यवाद का समर्थन करने के भी आरोप लगे थे। किताब में दावा किया गया है कि ‘यही वो समय था, जब होमी जहांगीर भाभा के कहने पर भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने रॉबर्ट ओपेनहाइमर को कई बार भारत आने और यहां बसने की पेशकश की थी।’
रॉबर्ट ओपेनहाइमर ने दिया था ये जवाब
किताब के अनुसार, पंडित नेहरू की पेशकश को रॉबर्ट ओपेनहाइमर ने विनम्रता से ठुकरा दिया था। दरअसल ओपेनहाइमर को लगता था कि जब उन पर गंभीर आरोप लगे हैं तो ऐसे समय में अमेरिका छोड़ना सही नहीं है। ओपेनहाइमर को डर था कि पहले तो अमेरिका की सरकार शायद उन्हें देश छोड़ने की अनुमति ही नहीं देगी और दूसरा उनके देश छोड़ने पर उनके बारे में जो शक था, वह और मजबूत हो सकता था।
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