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![Telangana: भारी बारिश के कारण नाले में बहे आठ लोग, एक दिन बाद शव बरामद; 19000 पीड़ितों को किया गया विस्थापित Eight people washed away in a drain due to heavy rain bodies recovered a day later 19000 victims displaced](https://staticimg.amarujala.com/assets/images/2023/07/26/750x506/hindon-flood_1690349832.jpeg?w=414&dpr=1.0)
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– फोटो : अमर उजाला
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देश में तेज बारिश और तूफान के कारण आए दिन लोग परेशान हो रहे हैं। कहीं जमीन धसक रही है तो कहीं बाढ़ ने जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया। पहाड़ों से लेकर मैदानी इलाकों में झमाझम बरसात हो रही है। मूसलाधार बारिश के कारण तेलंगाना में बहे आठ लोगों के शव बरामद किए गए हैं।
आठ लोगों की मौत
तेलंगाना पुलिस ने बताया कि गुरुवार को मुलुगु जिले के एक दूरदराज गांव में नाले का पुल टूट गया था, जिस वजह से बस्ती के 60 लोग अन्य इलाकों से कट गए थे। इसी दौरान 12 लोग बाढ़ में बह गए थे, जिनमें चार लोगों ने तो खुद को बचा लिया लेकिन आठ लोग नाले में ही फंसे रह गए। भारी बाढ़ और बारिश के कारण शुक्रवार को एनडीआरएफ वहां पहुंची और रेस्क्यू चलाकर उन्होंने आठ लोगों के शवों को बरामद किया। इसी के साथ उस इलाके के 80-100 लोगों को अस्पताल पहुंचाया गया।
कई इलाकों में राहत अभियान जारी
तेलंगाना डीजीपी अंजनि कुमार का कहना है कि अलग-अलग जिलों के करीब 19 हजरा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है। राज्य के कई इलाकों में राहत अभियान जारी है। ऊंचे स्थानों पर शरण लेने वाले लोगों को हेलिकॉप्टरों और नावों से भोजन सप्लाई कराया जा रहा है। एहतियातन रेस्क्यू फोर्स में गोदावरी नदी के किनारे स्थित इलाकों से लगभग 3500 लोगों को निकाला गया है। भारी बारिश के कारण निचले इलाकों में पानी भर गया था। राज्य में कई जगहों पर सड़कें क्षतिग्रस्त हो गईं। पंचायत राज्य मंत्री एर्राबेली दयाकर राव ने शुक्रवार को वारंगल का दौरा कर वहां की स्थिति के बारे में जानकारी ली।
संक्रामक रोगों का खतरा बढ़ता जा रहा है
एनडीआरएफ की 10 टीमों में से दो टीमें भद्राचलम और निर्मल में कार्यरत हैं। जबकि एक-एक टीम कोठागुडेम, मुलुगु, वारंगल, खम्मम, भूपालपल्ली और हैदराबाद में तैनात है। राज्य सरकार ने कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि संक्रामक रोगों सहित डेंगू का खतरा बढ़ता जा रहा है। इसलिए स्वच्छता उपायों का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए। डीजीपी कुमार का कहना है कि कई जिलों में विशेष नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को तैनात किया गया है।
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