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बुद्धि विहार से सात साल के बच्चे का अपहरण करने वाला अंकुश शर्मा क्राइम पेट्रोल सीरियल और अपराध पर आधारिक फिल्में देखता है। उसने पूछताछ में बताया कि उसने सीरियल देखकर ही वैदिक के अपहरण की साजिश रची थी। इसके लिए उसने अपने सबसे भरोसेमंद दोस्त शशांक मेहता उर्फ विक्की को प्लानिंग में शामिल किया। आरोपियों ने कहा कि एक माह से इस घटना को अंजाम देने की योजना बना रहे थे। अंकुश ने ही शशांक उर्फ विक्की को बताया कि उसके पड़ोस में रहने वाले नवनीत गुप्ता का इकलौता बेटा है। उसका अपहरण करने के बाद फिरौती मांगेंगे। नवनीत गुप्ता बच्चे की जान बचाने के लिए आराम से रकम दे देंगे।
आरोपियों ने फिरौती मांगने के लिए नया मोबाइल और सिम लिया था। प्लानिंग के मुताबिक, शनिवार शाम ही दोनों अंकुश के मकान के सामने खड़े हो गए थे। इसके बाद इन्होंने यहां से कार आगे बढ़ा दी। दूर खड़े होने के बाद कार रोक दी और वैदिक के घर से बाहर निकलने का इंतजार करने लगे थे। जैसे ही वैदिक साइकिल निकालकर सड़क पर आया। इसके बाद आरोपी कार लेकर आए गए और उसकी साइकिल गिराकर उसे कार में बैठाकर ले गए थे। आरोपियों ने बताया कि प्लानिंग थी कि रकम लेने के बाद वह शहर छोड़कर चले जाएंगे लेकिन नवनीत ने पुलिस को सूचना दे दी थी। जिससे उनका प्लान फेल हो गया।
रात नौ बजे कॉलोनी का माहौल देखने आया था अंकुश
पुलिस और परिजन वैदिक की तलाश में जुटे थे। रात करीब नौ बजे अंकुश शशांक और बच्चे को नया मुरादाबाद में छोड़ने के बाद कॉलोनी का माहौल देखने आया था। वह एमजीआर की ओर से तेजी से कार लेकर बुद्धि विहार सेक्टर नौ बी में पहुंचा और उसने चंद सेकेंड के लिए अपने मकान के सामने अपनी वैगनआर कार रोकी थी। लेकिन लोगों की मौजूदगी देखकर वो भांप गया था कि अपहरण की खबर फैल चुकी है। इसके बाद उसने तेजी से कार मोड़ी और वहां से निकल गया था। इस बार इसकी गाड़ी पर नंबर प्लेट लगी थी जबकि अपहरण के वक्त कार से नंबर प्लेट हटी हुई थी।
मां-बाप बोले, एसएसपी और उनकी टीम की वजह से लौटी मेरे घर में खुशियां
बारह घंटे बाद इकलौता बेटा मां-बाप के सामने आया तो वह चीख-चीख कर रोने लगे। बेटे को गले लगाया। मां तो बार-बार उसे दुलार रही थी। नवनीत गुप्ता और उनकी पत्नी ने कहा कि एसएसपी हेमराज मीना और उनकी टीम की वजह से हमारे घर में खुशियां लौटी हैं। हम तो ये ही सोच रहे थे कि हमारा बेटा किस हालत में होगा। लेकिन पुलिस टीम एक पल भी बर्बाद नहीं किया। पूरी रात टीम ने केस पर काम किया। जिसका नतीजा है कि हमें हमारा बेटा वापस मिल गया। हम ताउम्र पुलिस का एहसास नहीं चुका पाएंगे।
रात भर मंदिर के सामने बैठी मां
वैदिक की मां रात भर नहीं हो पाई। वो घर में बने मंदिर के सामने ही बैठी रही। सुबह बेटा बरामद हुआ तो घर में खुशियां लौट आईं। इसके बाद दंपती अपने बेटे को लेकर रामपुर के शाहबाद स्थित मंदिर पहुंचे और प्रसाद चढ़ाकर आशीर्वाद लिया। इसके बाद ही परिवार शाहबाद से वापस लौटा।
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