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![Aligarh: साध्वी प्राची के सामने बुजुर्ग बाई मंदिर की छत पर चढ़ी, आत्महत्या का किया प्रयास, यह है वजह Elderly Bai climbed on the roof of the temple in front of Sadhvi Prachi.](https://staticimg.amarujala.com/assets/images/2023/09/10/chhata-sa-kathana-ka-parayasa-karata-paramanatha-bii-ka-rakata-palsa_1694362853.jpeg?w=414&dpr=1.0)
छत से कूदने का प्रयास करती प्रेमनाथ बाई को रोकती पुलिस
– फोटो : संवाद
विस्तार
अलीगढ़ महानगर के सासनी गेट पंच नगरी इलाके में नाथ संप्रदाय की देखरेख में संचालित बाबा गोरखनाथ मंदिर परिसर में शोकसभा की तैयारी रविवार को विरोध-हंगामे का कारण बन गई। शोकसभा में शामिल होने आईं साध्वी प्राची के सामने जबरदस्त विरोध हुआ, नाथ संप्रदाय की 85 वर्षीय बुजुर्ग बाई मंदिर की छत पर चढ़ गईं और आत्महत्या का ऐलान कर दिया।
एक पड़ोसी ने भी कह दिया कि मंदिर में शोकसभा के लिए लोग उनकी लाश के ऊपर से होकर प्रवेश कर पाएंगे। हंगामे को देखते हुए पुलिस प्रशासन के अधिकारी मौके पर आ गए। साध्वी प्राची को समझाया गया और बुजुर्ग बाई को किसी तरह समझाकर नीचे उतारा गया। बाद में मंदिर के सामने सड़क पर शोकसभा हुई। तब जाकर लोग भीड़ वहां से हटी।
हुआ यूं कि मंदिर पर काफी समय से पुजारी व देखरेख का जिम्मा संभाल रहे सराय मिश्र के रहने वाले योगेश माहौर की पिछले दिनों मौत हो गई। इस पर उनके समर्थकों व परिवार ने इस शोकसभा का आयोजन रखा था। जिसमें साध्वी प्राची को बुलाया गया। पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत दोपहर ढाई बजे करीब साध्वी मंदिर पर पहुंचीं। जब मंदिर में ही रहने वाली नाथ संप्रदाय की 85 वर्षीय प्रेमा बाई व आस पड़ोस के लोगों को जानकारी हुई कि मंदिर में शोकसभा की तैयारी है तो लोग इसके विरोध में आ गए। लोगों का तर्क था कि सनातन परंपरा के अनुसार मंदिर में कभी शोकसभा नहीं होती। सनातन परंपरा के अनुसार किसी मौत या जन्म पर परिवारों में सूतक लगते हैं और सूतक समाप्ती तक घरों में पूजा तक नहीं होती। हां, मंदिर में हवन यज्ञ जरूर कर सकते हैं।
विरोध की खबर पर सिटी मजिस्ट्रेट, सीओ प्रथम, इंस्पेक्टर सासनी गेट मौके पर पहुंच गए। मगर शोकसभा करने वाला पक्ष व साध्वी मंदिर में शोकसभा की जिद पर थे। यह देख प्रेमा बाई मंदिर की छत पर चढ़ गईं और आत्महत्या का ऐलान कर दिया। मंदिर के ही पड़ोसी दिनेश चंद्र वाष्र्णेय ने तो यहां तक ऐलान कर दिया कि शोकसभा के लिए मंदिर में जाने से पहले उनकी लाश से गुजरना होगा।
हंगामा बढ़ता देख पुलिस प्रशासन के लोगों ने धर्माचार्यों से साध्वी की बात कराई। सभी का सुझाव था कि मंदिर में शोकसभा न की जाए। इसके बाद साध्वी प्राची व शोकसभा आयोजकों ने मंदिर के बाहर सडक़ पर ही योगेश माहौर की तस्वीर रखकर शोकसभा की। तब जाकर माहौल सामान्य हुआ। इस दौरान आयोजक पक्ष से जगदीश माहौर, भाजपा नेता संजू बजाज, जबकि विरोधी पक्ष से भरत गोस्वामी आदि मौजूद रहे।
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