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Aligarh: 27 वर्ष बाद आया अदालत का फैसला, फिरौती के लिए अपहरण में उम्रकैद की सजा, हाथरस से किया था किडनैप

Aligarh: 27 वर्ष बाद आया अदालत का फैसला, फिरौती के लिए अपहरण में उम्रकैद की सजा, हाथरस से किया था किडनैप

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Life imprisonment for kidnapping for ransom

कोर्ट का आदेश
– फोटो : amar ujala

विस्तार


हाथरस से व्यक्ति के फिरौती के लिए अपहरण के मामले में अदालत ने दोषी को उम्रकैद की सजा सुनाई है। यह फैसला एडीजे-14 अमित कुमार तिवारी की अदालत से सुनाया गया है। खास बात है कि 27 वर्ष पुरानी घटना में तीन आरोपियों की मौत हो चुकी है।

अभियोजन अधिवक्ता एडीजीसी सुधाकर कुलश्रेष्ठ के अनुसार घटना 13 जुलाई 1996 की है। वादी मुकदमा चंदपा हाथरस के प्रमोद कुमार ने 17 जुलाई को हाथरस गेट थाना में मुकदमा दर्ज कराया। जिसमें कहा कि उनका भाई प्रेमपाल उर्फ गुड्डू अपनी पत्नी आदेश को बीए की परीक्षा दिलाने के लिए स्कूटर से हाथरस के बागला डिग्री कॉलेज छोडऩे गया। उसे छोड़ते समय कहकर आया कि अगर वह न आए तो अकेली घर चले जाना। इसके बाद प्रेमपाल नहीं लौटा तो आदेश अकेले घर चली गई। इसके बाद प्रेमपाल को काफी खोजा, मगर कहीं नहीं मिला। 

इसी बीच 15 जुलाई को एक अज्ञात व्यक्ति ने प्रेमपाल के के चचेरे भाई दलवीर सिंह को पत्र दिया, जिसमें चार लाख रुपये की फिरौती मांगी गई। इसके बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जब तलाश शुरू की तो 12 दिन बाद इगलास के गांव नारायनपुर के मानदास के नलकूप से बंधक मिले प्रेमपाल को बरामद किया। साथ में तेजवीर, मानदास, रामबेटी व लोधा क्षेत्र के नगला दान सहाय के प्रमोद कुमार शर्मा को गिरफ्तार किया। 

प्रेमपाल की बरामदगी के बाद यह मुकदमा एसपी देहात के आदेश पर हाथरस गेट से इगलास थाना ट्रांसफर कर दिया गया। जहां से आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की गई। न्यायालय में चले सत्र परीक्षण के दौरान मानदास, रामबेटी व प्रमोद की मौत हो गई। अब अदालत ने साक्ष्यों व गवाही के आधार पर तेजवीर को अपहरण का दोषी मानते हुए उम्रकैद व 30 हजार रुपये की सजा सुनाई है।

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