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![Allahabad High Court: ज्ञानवापी परिसर के ASI सर्वे पर रोक बढ़ी, तीन अगस्त को आएगा फैसला Allahabad High Court Hearing in ASI survey case of Gyanvapi campus Letest Update decision](https://staticimg.amarujala.com/assets/images/2023/07/24/750x506/ilhabtha-haiikarata-ma-haga-janianavapa-sarava-mamal-ka-sanavaii_1690198946.jpeg?w=414&dpr=1.0)
इलाहाबाद हाईकोर्ट में होगी ज्ञानवापी सर्वे मामले की सुनवाई।
– फोटो : अमर उजाला।
विस्तार
ज्ञानवापी परिसर के एएसआई सर्वे पर लगी रोक तीन अगस्त तक बढ़ गई है। कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। अब तीन अगस्त को कोर्ट इस पर फैसला सुनाएगा। इससे पहले काशी विश्वनाथ मंदिर स्थित ज्ञानवापी परिसर के एएसआई सर्वे के मामले में बृहस्पतिवार को निर्धारित वक्त से पहले सुनवाई शुरू हुई। मुस्लिम पक्ष के वकील नकवी ने बहस की शुरुआत की। एएसआई के अतिरिक्त निदेशक आलोक त्रिपाठी भी कोर्ट में हाजिर हुए। मुस्लिम पक्ष के वकील ने एएसआई के हलफनामे का जवाब दाखिल किया।
गुरुवार को सुनवाई के दौरान हिंदू पक्ष के वकील ने दोहराया रामजन्म भूमि मामले में एएसआई को सर्वे की अनुमति मिली थी। इस पर मुस्लिम पक्षकार ने कहा, राम मंदिर मामले में साक्ष्य प्रक्रिया के बाद अनुमति दी गई थी। ज्ञानवापी मामले में ये सब असामयिक हो रहा है। उधर, अतिरिक्त निदेशक आलोक त्रिपाठी ने बताया की एएसआई की स्थापना 1871 में हुई थी। उन्होंने कोर्ट को बताया कि जीपीआर सर्वे ही करेंगे। खोदाई नहीं करेंगे। सर्वे में इमारत को खरोंच तक नहीं आएगी।
यूपी के महाधिवक्ता अजय कुमार मिश्रा के बहस की शुरू। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था बनाए रखना हमारी जिम्मेदारी है। यदि तत्काल सर्वे शुरू होता है तो हमें अतिरिक्त सुरक्षा बल की जरूरत होगी।
मुस्लिम पक्षकार ने कहा सिविल वाद की पोषणीयता का बिंदु तय होना जरूरी है। पोषणीयता के विधिक बिंदु तय किए बिना सर्वेक्षण गलत है। बताया कि पोषणीयता का वाद सुप्रीम कोर्ट ने लंबित है। इस पर हिंदू पक्ष ने कहा मामले का जल्द निस्तारण होना चाहिए।
बुधवार को दिन भर चली सुनवाई के बाद कोर्ट ने सुनवाई स्थगित कर दी थी। सुनवाई के दौरान हिंदू और मुस्लिम दोनों पक्षों की तरफ से अधिवक्ताओं ने अपने तर्क दिए थे। हाईकोर्ट के समक्ष एएसआई के वैज्ञानिक भी उपस्थित हुए। इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर मुस्लिम पक्षकारों की याचिका पर सुनवाई कर रहे हैं।
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