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Canada Row: राजनयिकों के भारत छोड़ने पर अमेरिका ने जताई चिंता, कहा- विवाद सुलझाने के लिए मिशन की मौजूदगी जरूरी

Canada Row: राजनयिकों के भारत छोड़ने पर अमेरिका ने जताई चिंता, कहा- विवाद सुलझाने के लिए मिशन की मौजूदगी जरूरी

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US expressed concern over departure of Canadian diplomats from India remind obligations of Vienna Convention

मैथ्यू मिलर, प्रवक्ता, अमेरिकी विदेश विभाग।
– फोटो : ANI

विस्तार


अमेरिका ने कनाडाई राजनयिकों के भारत छोड़ने पर चिंता जताई है। अमेरिकी विदेश विभाग ने शुक्रवार को एक बायन में कहा कि अमेरिका को उम्मीद है कि भारत राजनयिक संबंधों पर वियना संधि के तहत अपने दायित्वों का पालन करेगा। विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि हम कनाडा के राजनयिकों के भारत छोड़ने से चिंतित हैं। हमने भारत सरकार से कनाडा की राजनयिक उपस्थिति में कमी पर जोर नहीं देने और कनाडाई जांच में सहयोग करने का आग्रह किया है।

विदेश विभाग के अधिकारी मिलर ने कहा कि मतभेदों को सुलझाने के लिए संबंधित देश में राजनयिकों की उपस्थिति जरूरी होती है। हम उम्मीद करते हैं कि भारत राजनयिक संबंधों पर वियना संधि के तहत अपने दायित्वों का पालन करेगा, जिसमें कनाडा के राजनयिक मिशन के मान्यता प्राप्त अधिकारियों को मिले विशेषाधिकार भी शामिल हैं।

भारत की चेतावनी पर कनाडा ने वापस बुलाए अपने 41 राजनयिक

खालिस्तान समर्थक आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर जारी विवाद में भारत के कड़े रुख के बाद कनाडा को अपने 62 में से 41 राजनयिकों व उनके परिजनों को वापस बुलाना पड़ा है। अब नई दिल्ली स्थित कनाडा उच्चायोग में सिर्फ 21 राजनयिक रहेंगे। हालांकि, कनाडाई राजनयिकों की संख्या 10 अक्तूबर तक कम करनी थी। कनाडा ने निजी बातचीत में भारत को मनाने की कोशिश की, पर बात नहीं बनी। कनाडा के पीएम जस्टिन त्रूदो ने कहा, इस कार्रवाई से भारत-कनाडा में लाखों लोगों के लिए सामान्य जीवन कठिन हो गया है।

वहीं, विदेश मंत्री मेलनी जोली ने ओटावा में कहा, चंडीगढ़, मुंबई व बंगलूरू के वाणिज्य दूतावासों में वीजा से जुड़ी सभी तरह की व्यक्तिगत सेवाएं बंद की जा रही हैं। इन दूतावासों के सभी कनाडाई कर्मचारियों को दिल्ली उच्चायोग भेजा गया है, क्योंकि वहां कर्मचारियों की खासी कमी है। जोली ने आरोप लगाया, भारत की कार्रवाई राजनयिक संबंधों पर वियना संधि का उल्लंघन है। कनाडा मामले को आगे बिगाड़ना नहीं चाहता, लिहाजा जवाबी कार्रवाई नहीं की जाएगी। जोली ने कहा, भारत के राजनयिक छूट खत्म होने से राजनयिकों और उनके परिवारों के लिए खतरे की आशंका थी। लिहाजा, हमने उनकी सुरक्षित निकासी सुनिश्चित करते हुए 20 अक्तूबर से पहले उन्हें भारत से निकाल अलग-अलग मिशनों में तैनात कर दिया है। 

भारत की दो टूक…किसी भी नियम का नहीं किया उल्लंघन  

कनाडा की ओर से राजनयिक संबंधों पर वियना संधि के उल्लंघन वाले आरोप के जवाब में विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को दो टूक कहा कि दिल्ली और ओटावा में राजनयिक उपस्थिति में समानता की बात कर भारत ने किसी अंतरराष्ट्रीय नियम का उल्लंघन नहीं किया है। विदेश मंत्रालय ने कहा, राजनयिक क्षमता की समानता को लागू करने की भारत की मांग वियना संधि के अनुच्छेद 11.1 के अनुरूप है। भारत में कनाडाई राजनयिकों की अधिक संख्या और हमारे आंतरिक मामलों में निरंतर हस्तक्षेप के कारण नई दिल्ली व ओटावा में राजनयिक उपस्थिति में ‘समानता’ की मांग की गई है।

वीजा देने में होगी देरी

कनाडा के नागरिकता, आव्रजन और शरणार्थी मामलों के मंत्री मार्क मिलर ने कहा, राजनयिक तनाव की वजह से दोनों देशों के रिश्तों की खटास का थोड़ा असर जरूर पड़ेगा। कनाडा भारत से अस्थायी व स्थायी निवासी आवेदनों को स्वीकार करता रहेगा, पर वीजा आवेदनों में अब पहले से अधिक समय लगेगा।  राजनयिकों की वापसी के बाद आव्रजन और वीजा का काम देखने वाले कर्मचारियों की संख्या 27 से घटकर महज पांच रह गई है। कनाडा में अभी 16.89 लाख भारतीय रहते हैं।

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