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![China: चीन के आक्रामक रवैये से नाराज तवांग के निवासी, बोले- मोदी सरकार में खुद को सुरक्षित महसूस करते हैं arunachal pradesh integral part of india says tawang sector residents slam china aggression](https://staticimg.amarujala.com/assets/images/2023/10/01/arunachal-pradesh-china_1696127452.jpeg?w=414&dpr=1.0)
अरुणाचल प्रदेश का सीमावर्ती गांव
– फोटो : सोशल मीडिया
विस्तार
अरुणाचल प्रदेश के सीमावर्ती इलाके तवांग सेक्टर के लोग चीन के आक्रामक रवैये से नाराज हैं और उन्होंने कहा है कि अरुणाचल प्रदेश हमेशा भारत का अभिन्न अंग रहेगा। बता दें कि अगस्त में चीन ने एक नक्शा जारी किया था। इस नक्शे में चीन ने दावा किया था कि अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन उसका हिस्सा हैं। जब इसे लेकर अरुणाचल प्रदेश के सीमावर्ती गांवों के लोगों से बात की गई तो उन्होंने चीन के इस कदम से नाराजगी जाहिर की और भारत का खुलकर समर्थन किया।
‘मोदी सरकार में खुद को सुरक्षित महसूस करते हैं’
तवांग सेक्टर के सेंगनुप, खारसेनेंग, गेनखार गांव भारत चीन सीमा पर मौजूद हैं। गांव के लोगों ने कहा कि वह शांतिपूर्ण जीवन जी रहे हैं और भारतीय सेना और मौजूदा सरकार की वजह से वह सुरक्षित महसूस करते हैं। खारसेनेंग इलाके के निवासी सांगे दोरजी ने बताया कि पीएम मोदी के नेतृत्व वाली मौजूद सरकार और राज्य की पेमा खांडू सरकार ने सीमाई इलाकों में काफी विकास कार्य किया है। पहले इलाके की सड़कें खराब थीं लेकिन मौजूदा सरकार में हमारे गांवों में कंक्रीट की सड़कें बन गई हैं, जिससे गांव वालों की रोड की कनेक्टिविटी बेहतर हो गई है। सरकार ने किसानों के लिए भी अच्छा काम किया है इसलिए हम मौजूदा सरकार से बहुत खुश हैं।
गेनखार गांव के निवासी कारचुंग ने बताया कि उन्हें भारतीय गर्व है। स्थानीय निवासी ने बताया कि हम भारतीय सेना और सरकार के साथ हैं। चीन का अरुणाचल प्रदेश को अपना हिस्सा बताता है लेकिन अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है। हम चीन के आगे नहीं झुकेंगे अगर जरूरत पड़ी तो हम भारतीय सेना के साथ चीन का मुकाबला करेंगे।
सरकार ने शुरू की वाइब्रेंट विलेज योजना
बता दें कि चीन के बढ़ते आक्रामक रुख के चलते केंद्र सरकार ने इस साल फरवरी में वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम की शुरुआत की थी। इस योजना के तहत केंद्र सरकार वित्तीय वर्ष 2022-23 से 2025-26 तक 4800 करोड़ रुपये खर्च करेगी। इनमें से 2500 करोड़ रुपये सिर्फ रोड कनेक्टिविटी और सड़कों की हालत बेहतर करने में खर्च किए जाएंगे। इस योजना के तहत सरकार सीमाई गांवों में विकास कार्य करेगी और वहां लोगों के जीवन को बेहतर किया जाएगा। इस योजना के तहत सीमा पर मौजूद 46 ब्लॉक के 19 जिलों के गांवों को संवारा जाएगा। इनमें अरुणाचल प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम, उत्तराखंड और लदाख के गांव शामिल होंगे।
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