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Election: क्या पितृपक्ष में इस दिन आ सकती भाजपा-कांग्रेस की सूची, जानें क्यों अटक रही दावेदारों की सांसें

Election: क्या पितृपक्ष में इस दिन आ सकती भाजपा-कांग्रेस की सूची, जानें क्यों अटक रही दावेदारों की सांसें

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मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा-कांग्रेस बेहद सक्रिय हैं। भाजपा जहां मध्यप्रदेश की दो, छत्तीसगढ़ की एक उम्मीदवारों की सूची जारी कर चुकी है। जबकि कांग्रेस ने अभी तक इन तीनों ही राज्यों के प्रत्याशी घोषित नहीं किए हैं। इस बीच यह सुगबुगाहट तेज हो गई है कि भाजपा पितृपक्ष में उम्मीदवारों का एलान करने से बच रही है। ऐसे में अब दावेदारों को कम से कम 8 दिन का ओर इंतजार करना पड़ सकता है। जबकि पंडितों और ज्योतिषाचार्य का कहना है कि पितृपक्ष के दौरान 8 अक्तूबर को रवि-पुष्य नक्षत्र है। ये योग हर पितृपक्ष में नहीं होता। राजनीतिक दल यदि मान्यताओं का ख्याल रखेंगे तो संभव है कि वे इस दिन टिकट घोषित कर सकते हैं। पितृपक्ष में नए मकान और दुकान का वास्तु पूजन नहीं होता। नए कार्यों के शुभारंभ से बचते हैं, लेकिन टिकटों की घोषणा करने में कोई रोक-टोक नहीं है। भाजपा ने अभी तक राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम के उम्मीदवारों की एक भी सूची जारी नहीं किया है। जबकि कांग्रेस पार्टी ने अब तक किसी भी चुनावी राज्य के प्रत्याशियों का एलान नहीं किया है।

मध्यप्रदेश: भाजपा की चौथी सूची का इंतजार, कांग्रेस की भी लिस्ट तैयार

मध्यप्रदेश में भाजपा ने अभी तक 79 सीटों पर उम्मीदवार घोषित किए हैं, जिसमें से 77 सीटों ऐसी हैं, जिन पर वह पिछला चुनाव हार गई थी। अब हारी हुई सीटों की संख्या महज 26 बची है। इससे अब यह साफ है कि भाजपा अपने उम्मीदवारों की जो अगली लिस्ट जारी करेगी। इनमें कुछ विधायकों और मंत्रियों के टिकट कट सकते हैं। नई सूची में पार्टी कुछ और सांसदों को भी मैदान में उतार सकती है। इसलिए चौथी सूची का सभी को बेसब्री से इंतजार है। प्रदेश भाजपा के नेता टिकट की रणनीतियों से बहुत ज्यादा वाकिफ नहीं हैं। भाजपा नेताओं का कहना है कि उम्मीदवारों की सूची कब आएगी, ये फैसला शीर्ष नेतृत्व ही तय करेगा।

इधर, कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी की बैठकों का दौर चल रहा है। उम्मीदवारों के नाम लगभग तय कर लिए गए हैं। पार्टी सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस ने विधानसभा चुनावों के लिए तकरीबन 100 उम्मीदवारों के नाम पर तय कर लिए हैं। इनका एलान आठ से 10 अक्तूबर के बीच किया जा सकता है। कांग्रेस ने अपने चयनित प्रत्याशियों को चुनाव की तैयारी करने का इशारा भी कर दिया है। इनमें अधिकतर वर्तमान विधायकों के नाम शामिल हैं। पार्टी उन नेताओं को भी चुनावी मैदान में उतारने जा रही है, जो 2018 में चुनाव हार गए थे।  मध्यप्रदेश चुनाव स्क्रीनिंग समिति के चेयरमैन व पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश में 7 तारीख को प्रदेश चुनाव कार्य समिति की बैठक है। इसमें सभी टिकटों पर चर्चा होगी और उसके बाद प्रत्याशियों की सूची जारी की जाएगी।

राजस्थान: भाजपा, कांग्रेस दोनों की पहली सूची इंतजार

राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर प्रचार के बीच सभी को भाजपा और कांग्रेस के उम्मीदवारों की पहली लिस्ट का इंतजार है। चुनावों को लेकर भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की बैठक भी हो चुकी हैं। बैठक में 40 से 50 प्रत्याशियों के नाम तय हो गए हैं। ये सूची अब कभी भी जारी हो सकती है। इसमें सांसदों को भी चुनाव लड़ाया जा सकता है। भाजपा पहली लिस्ट में ए और डी कैटेगरी की सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर सकती है। ये वे सीटें हैं, जहां भाजपा सबसे मजबूत और सबसे कमजोर है। ए में 29 और डी कैटेगरी में 19 सीटें शामिल हैं।

इधर, कांग्रेस की पहली लिस्ट का भी इंतजार है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि सूची 15 अक्तूबर के आसपास जारी कर सकती है। वैसे पितृपक्ष 14 अक्तूबर को खत्म हो रहा है। भाजपा की लिस्ट का इंतजार किया जा रहा है। इसके बाद कांग्रेस की सूची को भी जारी कर दिया है। अंदरखाने कुछ नेताओं को पार्टी की ओर से चुनाव लड़ने का इशारा मिल चुका है। प्रदेश कांग्रेस पर्यवेक्षक मधुसूदन मिस्त्री व स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष गौरव गोगोई लगातार काम कर रहे हैं।

छत्तीसगढ़ में कहां अटक गई सूची

भाजपा की हाल ही में हुई केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में छत्तीसगढ़ में उम्मीदवारों की दूसरी सूची पर चर्चा हुई है। दूसरी सूची के लिए उम्मीदवारों के नाम पर मुहर लग गई है। अटकलें हैं कि एमपी की तरह भाजपा यहां भी बड़े चेहरों को मैदान में उतारेगी। भाजपा के सूत्रों का कहना है कि छत्तीसगढ़ में भाजपा की दूसरी लिस्ट में 30-35 प्रत्याशियों के नाम आ सकते हैं। इनमें भाजपा तीन सांसदों को बतौर प्रत्याशी उतार सकता है। इनमें वह सीटें हैं, जिसमें भारतीय जनता पार्टी साल 2018 के विधानसभा के चुनाव में बड़े अंतर से हारी है। बाकी ऐसी सीटें है जहां भाजपा अब तक जीत नहीं पाई है।

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस 10 अक्तूबर के बाद प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर सकती है। अक्तूबर के दूसरे हफ्ते में सेंट्रल स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक होनी है। पार्टी ने सभी 90 विधानसभा सीटों के लिए सिंगल नाम तय किए गए हैं। अब बस दिल्ली से इन पर मुहर लगनी बाकी है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, 90 विधानसभा सीटों में से 40 सीटों पर सिंगल नाम पहले से ही तय माने जा रहे हैं। बाकी 50 सीटों पर सिंगल नाम तय कर लिए गए हैं। संभावना है कि पहली सूची में 30 से 40 नाम जारी किए जाएंगे। इस सूची में ज्यादातर मंत्रियों और बड़े नेताओं के नाम होंगे।

छत्तीसगढ़ कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज ने टिकट बंटवारे को लेकर कहा कि हम लोग टिकट वितरण का काम स्टेप-बाय-स्टेप कर रहे हैं। स्क्रीनिंग कमेटी के पहले चरण का काम पूरा हो चुका है। 10 अक्तूबर के बाद यानी अक्तूबर के दूसरे हफ्ते में दिल्ली में मीटिंग होगी। जो नाम हमने तय किए हैं कमेटी उनपर अंतिम मुहर लगाएगी।

इधर, रायपुर में शुक्रवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्य के उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने कांग्रेस की बहुप्रतीक्षित पहली सूची को लेकर कहा कि टिकट वितरण को लेकर अभी प्रक्रिया जारी है। उन्होंने कहा कि उम्मीदवारों की सूची जारी करनी होती, तो अभी तक कर देते, किंतु अभी पितृपक्ष चल रहा है, कई लोगों की संवेदनाएं होती हैं कि पितृपक्ष के दौरान अपनाई जाने वाली रीति नीति का पालन किया जाए, इसलिए कोई जल्दबाजी नहीं कर रहा है। सिंहदेव के बयान के मायने निकाले जाएं, तो कांग्रेस अपनी पहली सूची 14 अक्तूबर के बाद ही जारी करेगी, क्योंकि 29 सितंबर से शुरू हुआ पितृपक्ष 14 अक्तूबर तक चलेगा। दरअसल एक मान्यता के मुताबिक पितृपक्ष के समय किसी भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है। ।

अब सबकी निगाहें आयोग पर

चुनाव आयोग से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि 5 राज्यों में एक साथ चुनाव होने हैं। अगले कुछ दिनों में किसी भी दिन चुनाव की तारीखें घोषित हो सकती हैं। चुनाव आयोग पहले भी पितृपक्ष के दौरान चुनाव की घोषणा कर चुका है। आयोग का फोकस सिर्फ चुनाव की तैयारियों पर होता है। तैयारियां पूरी हो चुकी हैं, इसलिए घोषणा चार अक्तूबर को मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन के बाद कभी भी हो सकती है। मिजोरम में 17 दिसंबर को, छत्तीसगढ़ में 3 जनवरी, मध्यप्रदेश में 6 जनवरी, राजस्थान में 14 जनवरी और तेलंगाना में 16 जनवरी को विधानसभा का कार्यकाल खत्म हो रहा है।

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