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![EXCLUSIVE: चिराग पासवान बोले- मंत्री पद पर फैसला पीएम करेंगे, भाजपा से दूरी और करीबी, दोनों की वजह हैं नीतीश chirag paswan on pm modi nitish kumar lalu prasad tejashwi yadav exclusive interview](https://staticimg.amarujala.com/assets/images/2023/07/20/750x506/chirag-paswan_1689870704.jpeg?w=414&dpr=1.0)
Chirag Paswan
– फोटो : Amar Ujala
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हाल ही में दिल्ली में एनडीए के घटक दलों की बैठक हुई। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चिराग पासवान की तस्वीर चर्चा में रही। चिराग ने 2020 का बिहार विधानसभा चुनाव बिना किसी गठबंधन के लड़ा। अब वे एनडीए में लौट आए हैं। सियासी गलियारों में इन सवालों की चर्चा में है कि क्या चिराग को केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह मिलेगी? क्या दो धड़ों में बंट चुकी लोक जनशक्ति पार्टी एक होकर लोकसभा चुनाव लड़ेगी, क्या चाचा पशुपति पारस और भतीजे चिराग के बीच दूरियां मिटेंगी? अमर उजाला के साथ विशेष बातचीत में दिवंगत नेता रामविलास पासवान के बेटे और सांसद चिराग पासवान ने इन्हीं सवालों के जवाब दिए।
एक तस्वीर, जिसे राजनीति में दिलचस्पी रखने वालों ने खूब देखा। एनडीए की बैठक के बाद प्रधानमंत्री ने जिस तरह आपके गालों को पकड़ा और गले लगाया, उस दौरान क्या कहा?
चिराग पासवान: बात ज्यादा हुई नहीं। उन्होंने सिर्फ हालचाल पूछा। मुझे लगता है कि शायद उस दिन तस्वीरों और वीडियो के माध्यम से यह लम्हा सार्वजनिक हुआ, लेकिन इस लम्हे को मैंने महसूस कई बार किया। कई बार मेरे लिए हनुमान शब्द तंज के तौर पर इस्तेमाल किया जाता था। कई बार मुझे ताने दिए जाते थे कि आप प्रधानमंत्री के खिलाफ क्यों कभी कुछ नहीं बोलते। भाजपा ने आपके साथ ऐसा किया, वैसा किया… दुनियाभर की बातें कही जाती थीं। कहा जाता था कि फिर भी आप प्रधानमंत्री के भक्त बने हुए हैं। हालांकि, मेरा मेरे प्रधानमंत्री के साथ यही रिश्ता रहा।
यह रिश्ता उनके साथ और ज्यादा तब गहराया, जब मेरे पिता अस्पताल में थे। उनकी तबीयत खराब थी। परिवार के एक सदस्य की तरह प्रधानमंत्री जी ने मुझे और मेरे परिवार को संभाला। उस दौरान दिन में दो-दो बार प्रधानमंत्री सीधे फोन करते थे। ना सिर्फ पिता का हाल-चाल जानते थे, बल्कि डॉक्टर्स से राय-मशविरा करके बताते थे कि अभी हम लोगों को क्या करना चाहिए। वो सम्मान उनके प्रति मेरे मन में हमेशा रहा। सिर्फ इसलिए कि मैं गठबंधन से अलग हो गया हूं तो मैं उनके खिलाफ बोलने लग जाऊं, ये मेरे संस्कारों में कभी नहीं रहा। उस वक्त कई तरह के आरोप भी मुझ पर लगे, लेकिन मैंने हमेशा उनके साथ मेरे रिश्ते की दुहाई दी। मैंने और प्रधानमंत्री जी ने भी हमेशा उस मर्यादा को बनाए रखा। उसी रिश्ते की एक बहुत खूबसूरत झलक उस दिन बैठक में देखने को मिली।
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