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आगरा अलीगढ़ के बीच बनने वाले औद्योगिक गलियारे का मानचित्र
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
अलीगढ़-आगरा के बीच सफर करने वालों के लिए खुशखबरी है। केंद्र व प्रदेश सरकार सेंट्रल रोड फंड (सीआरएफ) से दोनों जिलों के यातायात को सुगम बनाने के लिए एक नया हाईवे बनाने पर विचार कर रही है। शीर्ष स्तर पर ड्राइंग भी तैयार करा ली गई। जल्द ही ड्रोन सर्वे की तैयारी है। अगर यह हाईवे बनता है तो इससे हाथरस के मुरसान क्षेत्र को सीधा लाभ मिलेगा, क्योंकि तैयार ड्राइंग के अनुसार, यह हाईवे मुरसान क्षेत्र से होकर गुरजेगा।
हालांकि, अभी इस परियोजना की अधिकारिक पुष्टि स्थानीय स्तर पर नहीं हो रही है। विश्वस्त सूत्रों से अंदरखाने की खबर यह भी है कि इस हाईवे को विकसित करने के साथ-साथ सरकार की मंशा इसे इकोनामिक कॉरिडोर (आर्थिक गलियारा) के रूप में विकसित करने की भी है, यह गलियारा अलीगढ़-पलवल मार्ग पर विकसित हो रहे डिफेंस कॉरिडोर से जोड़ेगा।
इस परियोजना पर काम कर रहे बेहद विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सरकार की मंशा आगरा एयरपोर्ट को अलीगढ़ के डिफेंस कॉरिडोर से जोड़ने के लिए नए हाईवे और इसके सहारे आर्थिक गलियारा विकसित करने की है। चूंकि, इसे अलीगढ़ के बाहर से गुजर रहे राष्ट्रीय राजमार्ग (नेशनल हाईवे) बाईपास से जोड़कर शुरू किया जाएगा और आगरा में खंदौली पर यमुना एक्सप्रेस वे से जोड़ा जाएगा। इसलिए यह जेवर एयरपोर्ट का तीसरा विकल्प हाईवे भी अलीगढ़ में विकसित हो रहे डिफेंस कॉरिडोर के लिए होगा।
बताते हैं कि यमुना एक्सप्रेस वे के सहारे विकसित हो रहे जेवर एयरपोर्ट, अलीगढ़-पलवल मार्ग पर डिफेंस कॉरिडोर व अन्य उद्योगों के कारण अब संबंधित क्षेत्रों में भूमि नहीं बची है। साथ ही अलीगढ़-पलवल मार्ग पर यातायात का बोझ अधिक होने या आपात स्थिति के दौरान यह हाईवे आगरा और यमुना एक्सप्रेस वे तक पहुंचने का विकल्प भी बनेगा, जो जेवर एयरपोर्ट तक पहुंचाएगा। हालांकि, यह परियोजना अभी शुरुआती दौर में है और सिर्फ ड्राइंग तक सीमित रहने के कारण कोई अधिकारिक रूप से बोलने को तैयार नहीं है। संकेत हैं कि जल्द ड्रोन सर्वे होगा। इसके बाद प्रस्ताव कराया
जाएगा।
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