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Fatima Sanya Friendship: स्कूटी पर ऑडिशन देते देते हो गई पक्की वाली दोस्ती, फिर साथ दिखेंगी ‘सैम बहादुर’ में

Fatima Sanya Friendship: स्कूटी पर ऑडिशन देते देते हो गई पक्की वाली दोस्ती, फिर साथ दिखेंगी ‘सैम बहादुर’ में

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आम तौर पर देखा गया है कि दो अभिनेत्रियां आपस में अच्छी दोस्त नहीं होती हैं। लेकिन इस मामले में हिंदी सिनेमा में एक साथ अपनी अभिनय यात्रा शुरू करने वाली फातिमा सना शेख और सान्या मल्होत्रा की दोस्ती एक मिसाल है। दोनों अभिनेत्रियों ने आमिर खान की फिल्म ‘दंगल’ से शुरुआत की। इस फिल्म में फातिमा सना शेख और सान्या मल्होत्रा ने गीता फोगाट और बबीता फोगाट नामक दो सगी बहनों की भूमिका निभाई और तब से वास्तविक जीवन में भी दोनों एक दूसरे को बहन और दोस्त मानती है। जल्द ही ये दोनों अभिनेत्रियां फिल्म ‘सैम बहादुर’ में साथ काम करते नजर आएंगी।



फिल्म ‘सैम बहादुर’ में फातिमा सना शेख पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की भूमिका निभा रही हैं तो वहीं सान्या मल्होत्रा बनी हैं, सैम मानेकशॉ की पत्नी सिल्लू मानेकशॉ। ‘दंगल’ के बाद फातिमा सना शेख और सान्या मल्होत्रा फिल्म ‘सैम बहादुर’ में तीसरी बार साथ काम कर रही हैं। इससे पहले दोनों एक साथ निर्देशख अनुराग बसु की फिल्म ‘लूडो’ में नजर आईं थीं।


अभिनेत्री फातिमा सना शेख और सान्या मल्होत्रा अपने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए कहती हैं, ‘हम लोग साथ में स्कूटी से ऑडिशन देने जाते थे। ‘दंगल’ से पहले हमने साथ में कई फिल्मों के ऑडिशन दिए।’  सान्या मल्होत्रा ने कहा, ‘मैं हमेशा भगवान से यही प्रार्थना करती थी कि भले ही मेरा चयन ना हो पर फातिमा का ऑडिशन सही हो जाए और उसको फिल्में मिल जाए। मैं खुद को बहुत भाग्यशाली महसूस करती हूं कि मेरी जिंदगी में फातिमा जैसी दोस्त है।’


वहीं अभिनेत्री फातिमा सना शेख कहती हैं, ‘हम साथ में ‘दंगल’ का ऑडिशन देने जाते थे। और, इस फिल्म के लिए कई बार ऑडिशन दिए। सानिया कहती थी कि ‘दंगल’ में मेरा भले ही चयन न हो, तुम्हारा हो जाए। और, मैं कहती थी कि नहीं, भले ही मेरा चयन न हो तुम्हारा हो जाए। इस तरह से हम दोनों एक दूसरे का उत्साह बढ़ाते रहते थे। ऊपर वाले की कृपा रही कि हम दोनों का फिल्म में चयन हो गया। एक बार फिर हम दोनों एक बायोपिक में ही काम कर रहे हैं।’


इंदिरा गांधी की भूमिका निभा चुकी बाकी अभिनेत्रियों से तुलना के बारे में फातिमा सना शेख का कहना है, ‘मैं अपनी तुलना किसी से नहीं करती, मेरे किरदार को लेकर जो फिल्म की निर्देशक मेघना (गुलजार) मैडम की सोच रही हैं, मैंने उसी का अनुसरण किया है।’ वहीं सान्या मल्होत्रा कहती हैं, ‘जब मेघना मैडम ने ‘सैम बहादुर’ के लिए फोन किया और मुझे फिल्म की स्क्रिप्ट सुनाई तो मैंने अपने आपको उनके हवाले कर दिया।’


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