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Fraud: सौ करोड़ की ठगी में चार साल से फरार इनामी महिला गिरफ्तार, 150 से अधिक मुकदमे हैं दर्ज

Fraud: सौ करोड़ की ठगी में चार साल से फरार इनामी महिला गिरफ्तार, 150 से अधिक मुकदमे हैं दर्ज

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A woman who was part in 100 crore fraud arrested in manak nagar in Lucknow.

आरोपी महिला नीलम वर्मा।
– फोटो : amar ujala

विस्तार


100 करोड़ से अधिक की ठगी को अंजाम देने के गिरोह में शामिल 25 हजार की इनामिया नीलम वर्मा को एसटीएफ ने मानकनगर इलाके से गिरफ्तार कर लिया। आरोपी महिला चार साल से फरार थी। पुलिस के साथ ही एसटीएफ उसकी तलाश में लगी थी। आरोपी महिला हेलो राइड लिमि, इनफिनिटी वर्ल्ड इंफ्रावेंचर और ओजोन इनफिनिटी वर्ड एग्रो प्रोड्यूसर लि. कंपनियों में निदेशक थी। उसी दौरान अन्य साथियों के साथ मिलकर उसने ठगी को अंजाम दिया। आरोपी महिला कोर्ट में पेश की गई, जहां से जेल भेजी गई।

एसटीएफ के डिप्टी एसपी लाल प्रताप के मुताबिक, आरोपी नीलम वर्मा पर विभूतिखंड थाने में 22 व हजरतगंज में एक एफआईआर दर्ज है। सभी मामले ठगी से संबंधित हैं। महिला के साथ काम करने वाले कंपनी के अन्य सदस्य पहले ही जेल भेजे जा चुके हैं। कुछ अभी भी जेल में है। नीलम गिरफ्त से दूर थी। सर्विलांस व अन्य जानकारी के आधार पर शनिवार को मानकनगर के बहादुरखेड़ा से नीलम वर्मा को गिरफ्तार किया गया।

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पूछताछ में नीलम ने बताया कि कंपनी से डेढ़ सौ से अधिक लोग जुड़े थे, जिनको अलग-अलग जिम्मेदारी दी गई थी। कुछ सैलरी पर थे तो कुछ कमीशन पर थे। पूछताछ में ये भी खुलासा हुआ कि आरोपी फेक आईडी पर लिए गए सिम इस्तेमाल करते थे और कुछ दिन बाद बंद कर देते थे।

निवेश, सस्ते प्लॉट और बाइक टैक्सी के नाम पर ठगी

एसटीएफ के मुताबिक, अभय कुशवाहा नाम के शख्स ने 2013 में इनफिनिटी वर्ड इंफ्रावेंचर लिमिटेड कंपनी बनाई थी, जो रियल एस्टेट में काम करती थी। इसमें सस्ते प्लॉट देने के नाम पर किस्त के रूप में रुपया जमा किया जाता था। इसमें अभय कुशवाहा, राजेश पांडेय, निखिल कुशवाहा, आजम सिद्दीकी व शकील अहमद खान के साथ शुक्ला विहार पारा निवासी नीलम वर्मा भी डायरेक्टर थी। 

2017 में ओजोन इनफिनिटी वर्ड एग्रो प्रोड्यूसर लिमिटेड कंपनी बनाई। इसमें रकम दोगुना करने का झांसा देकर लोगों को जाल में फंसाया गया। निवेश की गई रकम हड़पी गई। इसके बाद 2018 में हेलोराइड लिमिटेड नामक कंपनी बनाई। जिसका दफ्तर विभूतिखंड स्थित साइबर हाइट्स बिल्डिंग में खोला। इसके तहत लोगों को बाइक टैक्सी चलाने के नाम पर 61 हजार रुपये जमा कराए थे। इसके बदले हर महीने 9,582 रुपये एक साल तक देने का प्रलोभन दिया। इसमें भी हजारों लोगों को फंसाकर रकम हड़पी।

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