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Gaza War
– फोटो : Social Media
विस्तार
इस्राइली नागरिकों पर हमास के बर्बर हमले के बाद दुनियाभर से इस्राइली सेना के आरक्षी सैनिक घर लौट रहे हैं। इनमें से कई सैनिकों ने हमास के वहशी हमलों में परिवार के सदस्यों को खोया है। इथियोपिया से इस्राइल लौटे इरेज सेमरिया कहते हैं, हमास राक्षस है, जिसने हमारे बच्चों और महिलाओं को निशाना बनाया है। किस्से-कहानियों के राक्षसों की तरह वे महिलाओं और बच्चों को बिस्तरों से खींचकर ले गए। वे खुद को पीड़ित दिखाने के लिए बहुत सचेत होकर हमले करते आए हैं, लेकिन अब बेनकाब हो चुके हैं। सेमरिया कहते हैं, आखिर वे कौन लोग होंगे, जो इन राक्षसों की बर्बरता का बचाव कर रहे हैं।
हमास की हैवानियत, बच्चों को भी नहीं बख्शा
हमास आतंकियों के हमले की तस्वीरें उसकी हैवानियत सामने ला रही हैं। इस्राइली पुलिस, सुरक्षाबलों और पत्रकारों की ओर से जो हालात सामने रखे जा रहे हैं, वह हमास को आतंकी संगठन आईएस से भी अधिक क्रूर साबित कर रहे हैं। कफार अजा गांव में 40 छोटे बच्चों के शव मिले हैं। इनमें से अधिकतर 2 से 4 साल के हैं। उनके सिर कटे हुए हैं। कई नवजातों के पालनों में खून और पास में उनके शव मिले है। आशंका है कि उन्हें पालनों में ही मार डाला गया।
यरुशलम पोस्ट के मुख्य संपादक अवि मायर के अनुसार, हमास हैवानों ने एक गर्भवती महिला की हत्या के बाद उसका पेट काट भ्रूण को बाहर निकाल दिया। गर्भनाल नहीं काटी, भ्रूण को धीरे-धीरे मरने दिया गया। पत्रकारों और एनजीओ ने सोशल मीडिया पर तस्वीरें पोस्ट कर दावा किया कि बच्चों और परिवारों को ट्रक में डालकर जिंदा जला दिया गया। पत्रकार ओली के अनुसार, एक हजार की आबादी वाले बीरी गांव के 108 लोगों की हत्या की कर दी गई।
गाजा पर सबसे भीषण हवाई हमला
हमास का नामोनिशान मिटा देने के लक्ष्य के साथ शुरू कार्रवाई में इस्राइल ने मंगलवार को भी गाजा पट्टी पर हवाई हमले जारी रखे। 75 साल के इतिहास में यह इस्राइल का सबसे भीषण हवाई हमला है। जंग में दोनों पक्षों के 1,800 से अधिक लोग मारे गए हैं, करीब 7,000 घायल हैं। इसमें गाजा पट्टी पर इस्राइली हमले में 900 फलस्तीनियों की जान गई है और 4,600 से अधिक घायल हुए हैं। जबकि, हमास के हमले में इस्राइल में मरने वालों की संख्या भी 900 पहुंच गई और 2,616 लोग घायल हुए हैं।
आतंकियों के छिपने की जगह नहीं
इस्राइली सेना के प्रवक्ता रियर एडमिरल डेनियल हगारी ने कहा, गाजा में हमास के आतंकियों के छिपने के लिए कोई जगह नहीं है। वे जहां होंगे, हम उन्हें खत्म करेंगे। मंगलवार को गाजा की तरफ से घुसपैठ नहीं हुई है। मिस्र की तरफ खुलने वाले गेट पर भी सैनिक तैनात किए हैं। हगारी ने कहा, इस्राइल ने दूसरी बार 3 लाख रिजर्व सैनिक उतारे हैं। 50 साल पहले अरब से लड़ाई में इससे अधिक 4 लाख रिजर्व सैनिक उतारे थे।
गाजा में 1.80 लाख बेघर
संयुक्त राष्ट्र ने कहा है, इस्राइल की बमबारी से गाजा पट्टी में भारी तबाही हुई है। 1.80 लाख से ज्यादा लोग बेघर हो गए। अल रिमाल जिला पूरी तरह तबाह हो गया है। इस शहर में हमास के आतंकियों के ठिकाने व दफ्तर हैं। युद्ध की रिपोर्टिंग करते हुए अब तक 6 पत्रकार भी मारे जा चुके हैं।
गाजा में भारतीय लोगों की मांग, यहां से निकालें
इस्राइल द्वारा लगातार बमबारी के बीच अपनी जान के डर से गाजा में अपने परिवार के साथ रह रही एक भारतीय महिला ने मंगलवार को युद्धग्रस्त हमास शासित इलाके से तत्काल निकासी की मांग की। गाजा में रहने वाली जम्मू-कश्मीर की एक भारतीय लुबना नजीर शाबू ने कहा, हम यहां एक क्रूर युद्ध का सामना कर रहे हैं और कुछ ही सेकंड में बमबारी में सब कुछ नष्ट हो रहा है। हम इस संघर्ष की कीमत चुका रहे हैं। शाबू ने कहा, बमबारी की आवाजें बहुत डरावनी हैं। यहां पानी, बिजली की आपूर्ति भी काट दी गई है। उसने कहा, फिलहाल उसके साथ दो परिवार रहते हैं जिन्हें गाजा के सीमावर्ती इलाकों में बमबारी के बाद भागना पड़ा है।
भारी बमबारी व नाकाबंदी से रेगिस्तान बन गया समृद्ध क्षेत्र
हमास के इस्राइली शहरों पर आतंकी हमलों के बाद इस्राइल के युद्धक विमानों द्वारा की गई कार्रवाई के चलते गाजा पट्टी में 1.80 लाख से अधिक फलस्तीनियों को संयुक्त राष्ट्र आश्रयों में भेज दिया गया है। हमला 23 लाख की आबादी वाले एक छोटे इलाके पर किया गया है। यहां अभूतपूर्व तीव्रता के धमाकों के कारण हालात में लगातार गिरावट आ रही है क्योंकि भोजन व पानी खत्म हो गया है। यह क्षेत्र फिलहाल दमघोंटू नाका बंदी के दौर में है और इस्राइल ने यहां की सभी सप्लाई रोक दी हैं। इस बीच, संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि एक हवाई हमले ने सीधे उसके एक आश्रय स्थल को निशाना बनाया और स्कूल बने पांच अन्य आश्रय स्थलों को क्षतिग्रस्त कर दिया। यहां हर जगह बमों और धमाकों की आवाजें आ रही हैं। इसके चलते समृद्ध क्षेत्र अब निर्जन रेगिस्तान में बदल गया है।
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