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रेलवे स्टेशन के बाहर सड़क पर रोडवेज की बसों का कब्जा।
गोरखपुर शहर की सड़कों से निजी बसों को तो बाहर कर दिया गया, वहीं गोरखपुर डिपो के वर्कशाप को राप्तीनगर शिफ्ट कर दिया, लेकिन रोडवेज की बसों की धमाचौकड़ी पहले की तरह ही जारी है। यूनिवर्सिटी चौराहे से महाराणा प्रताप तिराहे तक की सड़क पर इन बसों का कब्जा रहता है, इससे राहगीरों काे दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। कमिश्नर ने रोडवेज के जिम्मेदारों को सख्त निर्देश दिए थे कि बसें सड़क पर नहीं खड़ी कराएं, लेकिन उनके निर्देश रोडवेज के जिम्मेदारों की मनमानी के सामने बेअसर साबित हो रहे हैं।
रविवार दोपहर करीब दो बजे यूनिवर्सिटी चौराहे से रेलवे स्टेशन तक सड़क पर रोडवेज की बसों का कब्जा था। यूनिवर्सिटी चौराहे से आगे बढ़ने पर सड़क की बाईं ओर रोडवेज की बसें लाइन से खड़ी थीं। जबकि दाहिने तरफ कुछ बसें खड़ी थीं। इससे लोगों को आने जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था।
इससे आगे बढ़ने पर स्थिति और भी खराब दिखी। बस स्टेशन के सामने से रेलवे स्टेशन के महाराणा प्रताप तिराहे तक की सड़क की दोनों लेन पर सिर्फ रोडवेज की बसों का ही कब्जा था। वहीं बाईं ओर से दर्जनों की संख्या में बसें खड़ी थी, इससे बार-बार जाम लग रहा था।
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दुकानदारों ने बताया कि रोडवेज बस चालक मनमाने तरीके से खाली बसों को दुकान के सामने खड़ी कर देते हैं, इससे दुकानदारी प्रभावित होती है। रोडवेज का कोई भी जिम्मेदार बसों को रोकने-टोकने नहीं आता है।
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