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असदुद्दीन ओवैसी और योगी आदित्यनाथ
– फोटो : ANI
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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ज्ञानवापी पर दिए गए बयान की एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने निंदा की है। हैदराबाद के सांसद ओवैसी ने सोमवार को कहा कि सीएम योगी जानते हैं कि पूरा मामला अदालत में है। मुस्लिम पक्ष ने एएसआई से ज्ञानवापी परिसर के सर्वे करवाने के आदेश को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दे रखी है और कुछ दिन में इसका फैसला आना है। इसके बावजूद सीएम योगी का इस प्रकार बयान देना न्यायिक सीमा का उल्लंघन है।
#WATCH | On UP CM Yogi Adityanath’s Gyanvapi statement, AIMIM MP Asaduddin Owaisi says “CM Yogi knows that the Muslim side has opposed ASI survey in Allahabad High Court and the judgement will be given in a few days, still he gave such a controversial statement, this is judicial… pic.twitter.com/IuBSqMHepv
— ANI (@ANI) July 31, 2023
इससे पहले, सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक न्यूज एजेंसी को दिए साक्षात्कार में ज्ञानवापी पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि यदि वह मस्जिद है तो वहां त्रिशूल कैसे बने हैं, ज्योतिर्लिंग और देव प्रतिमा क्यों हैं, उसकी दीवारें चिल्ला चिल्ला कर क्या कह रही हैं। पहली बार ज्ञानवापी मुद्दे पर अपनी राय रखते हुए सीएम योगी ने कहा कि यह मुस्लिम समाज की ऐतिहासिक गलती है। समाज को अब इसके समाधान की पहल करनी चाहिए।
सीएम योगी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए ओवैसी ने कहा, उन्हें (योगी आदित्यनाथ को) यह पढ़ना चाहिए कि स्वामी विवेकानंद ने ओडिशा के एक प्रमुख मंदिर के बारे में क्या कहा था, वह मुख्यमंत्री हैं, उन्हें कानून का पालन करना चाहिए। लेकिन वह कानून का पालन नहीं करना चाहते हैं, मुसलमानों पर दबाव बनाना चाहते हैं। मथुरा में लगभग 50-60 साल पहले मुस्लिम समुदाय का हिंदुओं के साथ एक समझौता हुआ था और इसे अदालत में पेश किया गया था, लेकिन फिर भी इसमें मुकदमा शुरू किया गया। हैदराबाद के सांसद ने कहा कि यह भाजपा की सांप्रदायिक राजनीति का हिस्सा और न्यायिक अतिक्रमण है।
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