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![Gyanvapi: सुप्रीम मुहर से विवाद के निपटारे की राह आसान, पहली बार तीन अदालतों से ज्ञानवापी के ASI सर्वे पर आदेश Gyanvapi Asi Survey way to settle dispute with Supreme Seal for first time orders](https://staticimg.amarujala.com/assets/images/2023/08/04/750x506/varanasi_1691171219.jpeg?w=414&dpr=1.0)
ज्ञानवापी में एएसआई सर्वे जारी
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) से ज्ञानवापी के सर्वे पर सुप्रीम मुहर से विवाद के निपटारे की राह आसान हो गई है। यह पहला मौका है, जब सर्वे पर तीन अदालतों का रुख एक जैसा रहा है। पहले जिला अदालत ने ज्ञानवापी परिसर के एएसआई सर्वे का आदेश दिया। मामला हाईकोर्ट, फिर सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा, लेकिन जिला अदालत के आदेश पर रोक से इन्कार कर दिया गया। अब सर्वे की सभी बधाएं दूर हो गई हैं। इससे पहले दो बार सर्वे के आदेश हुए थे। इन मामलों में हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा रखी है।
एएसआई की टीम चार सप्ताह में सर्वे करके रिपोर्ट जिला जज डॉ अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत को सौंप देगी। अदालत साक्ष्यों का अध्ययन करेगी, फिर अंतिम फैसला सुनाएगी। बीएचयू के इतिहासकार व पुरातत्वविद डॉ अशोक कुमार सिंह का कहना है कि अब विवाद का निपटारा हो जाएगा। यह विवाद 1669 से चल रहा है।
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हिंदू और मुस्लिम पक्ष के दावे
हिंदू पक्ष का दावा है कि औरंगजेब ने 354 वर्ष पहले ज्ञानवापी मंदिर का स्वरूप बदला था। मंदिर के ही ढांचे काे मस्जिद का रूप दे दिया था। वहीं, मुस्लिम पक्ष 600 वर्षों से नमाज अदा करने का दावा कर रहा है। एएसआई सर्वे से सब कुछ साफ हो जाएगा। पता चल जाएगा कि किसके दावे में दम है। एएसआई की रिपोर्ट पर सवाल नहीं उठाए जा सकते हैं। अयोध्या में श्रीराम जन्म भूमि का विवाद भी सर्वे से निपटा था। सुप्रीम कोर्ट की सांविधानिक पीठ ने सर्वे के तथ्यों को ध्यान में रखकर फैसला सुनाया था।
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