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Interview: आप सांसद संजय सिंह बोले- मन की बात करने वाले प्रधानमंत्री मणिपुर पर क्यों नहीं बोलते

Interview: आप सांसद संजय सिंह बोले- मन की बात करने वाले प्रधानमंत्री मणिपुर पर क्यों नहीं बोलते

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सवाल- आपके धरने का उद्देश्य क्या है? आपने सदन में हो-हल्ला किया जिसके चलते निलंबित किया गया। निलंबन करना तो सभापति का अधिकार है। 

उत्तर- इस धरने का उद्देश्य है कि प्रधानमंत्री जी सदन में आएं और मणिपुर की हिंसा का जवाब दें। ये मेरे अकेले का धरना नहीं है, ये टीम I.N.D.I.A का धरना है। कल खरगे जी आए थे और टीम I.N.D.I.A में शामिल 26 राजनीतिक दलों के लोग भी आ रहे हैं। सबकी एक ही मांग है कि मणिपुर की हिंसा और वहां हुई दरिंदगी पर पीएम मोदी सदन में जवाब दें। मेरा निलंबन तो पहले भी चार बार हो चुका है। जब मेरा पहली बार किसान आंदोलन के दौरान निलंबन हुआ था, तो मैंने प्रधानमंत्री जी और देश की सरकार से हाथ जोड़ कहा था कि काला कानून मत लाइए, ये किसानों के खिलाफ है। लेकिन बात नहीं सुनी गई, मुझे निलंबित किया गया। एक साल तक आंदोलन चला, 750 किसानों की शहादत हुई और बाद में सरकार को बिल वापस लेना पड़ा। बाद में प्रधानमंत्री जी ने कह दिया गलती हो गई।

जब 78 दिनों तक मणिपुर जलता रहा तो प्रधानमंत्री नहीं बोले, तो उसके बाद आए और बोले क्रोध है, पीड़ा है। मात्र 36 सेकंड प्रधानमंत्री बोले। हर महीने मन की बात पर बोलने वाले प्रधानमंत्री मणिपुर पर क्यों नहीं बोलते। जब मैंने यह मांग कर दी कि प्रधानमंत्री सदन में आ कर इस मुद्दे पर जवाब दें, तो मुझे सदन से निलंबित कर दिया गया। सभी दल इस मुद्दे पर मेरा समर्थन कर रहे हैं।

मेरे निलंबन के पीछे दूसरा कारण भी दिल्ली का बिल है। यहां भाजपा हार रही है। सरकार मेरे निलंबन के जरिए सांसदों की संख्या कम करना चाहती है। वो काला बिल सदन में जरूर गिरेगा।

सवाल: सरकार ने सदन में चर्चा का प्रस्ताव दिया है। विपक्ष को पहले गृहमंत्री जवाब सुनना चाहिए था और अगर संतुष्ट नहीं होता तो उसके बाद प्रधानमंत्री के बयान के लिए दवाब बनाता।

उत्तर: सदन का सत्र शुरू होने से पहले गृहमंत्री ने सभी दलों के साथ बैठक की। हमने उसमें मांग रखी कि मुख्यमंत्री हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रहा है, उसे हटाया जाए। सभी पार्टियों का प्रतिनिधिमंडल वहां भेजा जाए। हमारी एक भी बात नहीं सुनी गई। ऐसे में हम उनकी किन बातों पर भरोसा करें। गृहमंत्री और प्रधानमंत्री के बयान में जमीन-आसमान का अंतर होता है। हम मणिपुर की घटना पर प्रधानमंत्री के अंतिम वाक्य को जानना चाहते हैं। हम सरकार की योजना के बारे में प्रधानमंत्री से सुनना चाहते हैं।

सवाल: क्या इसे विपक्ष की जिद माना जाए कि प्रधानमंत्री के बाद ही विपक्ष संसद में जाएगा? 

उत्तर: जिद प्रधानमंत्री की है, जिद गृहमंत्री की है, जिद भाजपा की है। विपक्ष की कौन सी जिद है। विपक्ष तो बार-बार अनुरोध कर रहा है, 267 का नोटिस दे रहा है। हम तो निलंबित कर दिया। भले ही केंद्रीय मंत्री, राज्य मंत्री का घर जला दिया जाए। अब बताएं जिद किसकी है।

सवाल: अब तो अविश्वास प्रस्ताव पर नोटिस जारी कर दिया गया है। ससंदीय परंपरा के तहत प्रधानमंत्री को जवाब देने के लिए अब आना ही पड़ेगा। ऐसे में क्या आपको धरना देने की जरूरत है?

उत्तर: ये धरना में टीम I.N.D.I.A के लोगों के कहने पर कर रहा हूं। आगे जो उनका फैसला होगा, वह मानूंगा। राज्यसभा में तो कोई अविश्वास प्रस्ताव आता नहीं है। ये तो लोकसभा का है और पीएम को आना पड़ेगा। राज्यसभा की रणनीति पर टीम I.N.D.I.A के सांसद बैठ कर चर्चा करेंगे।

सवाल: प्रधानमंत्री जी ने टीम I.N.D.I.A को इंडियन मुजाहिदीन, ईस्ट इंडिया कंपनी कहा। उनका कहना था कि इंडिया शब्द लगा लेने से कोई इंडिया थोड़े ही हो जाता है। एक तरह से उन्होंने टीम I.N.D.I.A पर कटाक्ष किया। क्या आपको लगता है कि आपने I.N.D.I.A शब्द लगा कर कोई गलती तो नहीं की। 

उत्तर: प्रधानमंत्री ने डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया, खेलो इंडिया, स्टार्टअप इंडिया का नारा दिया। लेकिन बुरी बात यह है कि प्रधानमंत्री I.N.D.I.A की तुलना एक आतंकी संगठन से कर रहा है। ये शर्म की बात है। ये 140 करोड़ लोगों के भारत का मजाक है।

सवाल: क्या आपको लगता है जब से विपक्ष ने टीम I.N.D.I.A नाम रखा है, तब से भाजपा में बैचेनी है।

उत्तर: बहुत ज्यादा घबराहट है। ईस्ट इंडिया कंपनी के लिए भाजपा के लोग काम करते थे। श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने अंग्रेज गवर्नर को पत्र लिख कर भारत छोड़ो आंदोलन को कुचलने की बात कही थी। ये बौखलाहट का नतीजा है कि वे I.N.D.I.A की तुलना इंडियन मुजाहिदीन, ईस्ट इंडिया कंपनी से कर रहे हैं। I.N.D.I.A 140 करोड़ भारतीयों का है। I.N.D.I.A जीतेगा, देश जीतेगा।

सवाल: दिल्ली पर जो विधेयक सरकार लाने वाली है, राज्यसभा में उसे रोकने की रणनीति क्या होगी?

उत्तर: इस मुद्दे पर कई नेताओं से बात हुई है। कांग्रेस ने भी समर्थन दिया है। विपक्ष के पास पर्याप्त संख्या है और उम्मीद है कि सदन में ये काला कानून गिरेगा।

सवाल: भाजपा के पास 105 सांसद हैं, कई दलों का रुख स्पष्ट नहीं है। ऐसे में कैसे विपक्ष इसे रोकेगा।

उत्तर: ये देश के संघीय ढांचे मसला है और उम्मीद है कि इस पर दूसरे दलों का भी समर्थन मिलेगा।

सवाल: टीम I.N.D.I.A गठबंधन में कई दलों में विरोधाभास है, ऐसे कैसे सभी साथ चलेंगे। 

उत्तर: देखिए, विरोधाभास और मतभेद लोकतंत्र का हिस्सा हैं। अगर ये नहीं होंगे तो तानाशाही हो जाएगी। उसे सॉल्व करके आगे बढ़ना होगा और रास्ता निकालना होगा, तभी भाजपा को हराया जा सकेगा। अभी तो ठीक दिशा में गठबंधन बढ़ रहा है।

सवाल: क्या आपको भरोसा है कि 450 सीटों पर भाजपा के उम्मीदवार के बदले विपक्ष का एक उम्मीदवार हो, क्या ऐसा होगा?

उत्तर: ये बेहद मुश्किल काम है, आसान नहीं है। सभी लोग संजीदगी से काम लेंगे और बड़ा मन दिखाएंगे तो यह बात संभव हो पाएगी।

सवाल: दिल्ली और पंजाब में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस है, इसे कैसे सॉल्व करेंगे। क्या उस पर आपसी समझ बनेगी?

उत्तर: देखिए, जब बातचीत शुरू होगी तो उस दिशा में समझदारी से काम करने की जरूरत होगी। अभी तो केवल गठबंधन का नाम रखा गया है, सीट शेयरिंग पर कोई बात नहीं हुई है।

सवाल: क्या आने वाले विधानसभा चुनावों में विपक्ष टीम I.N.D.I.A के तौर पर चुनाव लड़ेगा या सभी अलग-अलग लड़ेंगे?

उत्तर: देखिए, लोकसभा और विधानसभा के चुनाव अलग-अलग ढंग से होते हैं। सीपीएम त्रिपुरा में कांग्रेस के साथ मिल कर विधानसभा का चुनाव लड़ती है, वहीं केरल में कांग्रेस के खिलाफ विधानसभा चुनाव लड़ती है। ये बड़ा देश है, इसमें एक ही तरह का फॉर्मूला लागू नहीं हो सकता। लेकिन 2024 के लिए मिलजुल कर लड़ना चाहिए।

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