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Lucknow: सैनिक स्कूल के प्रधानाचार्य समेत छह पर गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज, स्विमिंग पूल में डूबकर हुई थी छात्र की मौत

Lucknow: सैनिक स्कूल के प्रधानाचार्य समेत छह पर गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज, स्विमिंग पूल में डूबकर हुई थी छात्र की मौत

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Case filed in the death case of a student in Sainik School in Lucknow.

मृतक ओम।
– फोटो : amar ujala

विस्तार


सैनिक स्कूल में 11वीं के छात्र ओम बुधौलिया की स्विमिंग पूल में डूबकर मौत के मामले में शनिवार को मृतक के पिता की तहरीर पर सरोजनीनगर थाने में स्कूल के प्रधानाचार्य समेत छह पर गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज किया गया। आरोप है कि जानबूझकर लापरवाही बरती गई, जिससे छात्र की मौत हुई। वादी ने तहरीर के जरिये कई अहम सवाल भी उठाए हैं।

मूलरूप से उरई निवासी मनोज कुमार सीआरपीएफ में एएसआई हैं। अयोध्या में तैनाती है। उनका बेटा ओम सैनिक स्कूल से पढ़ाई कर रहा था। 8 सितंबर की शाम को स्कूल से मनोज को सूचना मिली थी कि ओम की स्विमिंग पूल में डूबने से मौत हो गई थी। पोस्टमार्टम के बाद परिजन शव लेकर चले गए थे। तीन दिन पहले मनोज ने शहर आकर स्कूल प्रशासन, पुलिस और मंडलायुक्त से बातचीत कर जानकारी ली, जिसके बाद शनिवार शाम थाने में तहरीर दी। इंस्पेक्टर शैलेंद्र गिरि ने बताया कि स्कूल के प्रधानाचार्य, वार्डन, कोच, लाइफ गार्ड, शिक्षक और जिम्मेदार कर्मचारी पर गैर इरादतन हत्या की धारा में मुकदमा दर्ज किया गया है।

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डॉक्टर तक को नहीं दिखाया, बॉडी सील कर दी

तहरीर में मनोज ने गंभीर आरोप लगाए हैं। उनके मुताबिक, जब पूल से ओम को निकाला गया तो किसी अस्पताल नहीं ले जाया गया। एक फार्मासिस्ट ने कह दिया कि उसकी मौत हो चुकी है। उसी आधार पर बॉडी सील कर दी गई। आखिर ऐसा क्यों किया गया। जब इस बारे में उन्होंने प्रिंसिपल से पूछा तो उनका कहना था कि बॉडी अकड़ गई थी। इसलिए ऐसा किया गया।

कई खामियों का जिक्र, सीधे हत्या का आरोप

तहरीर में मनोज ने लिखा है कि स्विमिंग पूल में गहराई के मानक मापदंड को नहीं लिखा गया था। लाइफ जैकेट व खतरे के निशान का सांकेतिक बोर्ड भी नहीं लगा था। ट्रेनर का अनुपात छात्रों की अपेक्षा कम है। छात्र के कपड़े, जूते, चश्मा आदि चेंजिंग रूम में रखे थे। किसी ने नहीं देखा। न ही किसी ने छात्रों की गिनती की। यही नहीं, तहरीर में स्पष्ट लिखा है कि बेटे ओम की स्कूल में ही हत्या कर दी गई। आखिर में लिखा है कि स्विमिंग कोच बहुत जल्दबाजी में थे। लाइफ गार्ड मौजूद थे, लेकिन किसी ने छात्र को नहीं निकाला। उसे पानी में डुबाए रखा।

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