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उद्योगपति दर्शन हीरानंदानी ने संसदीय समिति के समक्ष हलफनामा दायर किया है। पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने के प्रकरण- ‘कैश फॉर क्वेरी’ में संसद की एथिक्स पैनल के अध्यक्ष ने कहा है कि उन्हें व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी से एक हलफनामा मिला है जिसमें उन्होंने अपनी कथित भूमिका का उल्लेख किया है। शुक्रवार को संसद की आचार समिति के अध्यक्ष सोनकर ने कहा, “मुझे दर्शन हीरानंदानी से एक पत्र/शपथ पत्र मिला है।”
प्रसिद्धि का सबसे छोटा रास्ता नरेंद्र मोदी पर हमला
रिपोर्ट्स के अनुसार एथिक्स पैनल को तीन पेज के हस्ताक्षरित हलफनामा भेजकर दर्शन हीरानंदानी ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद महुआ मोइत्रा के साथ अपनी दोस्ती की बात स्वीकार की। उन्होंने दावा किया कि अदाणी समूह पर हमला करने को महुआ प्रसिद्धि पाने के रास्ते के रूप में देखती हैं। हीरानंदानी के हलफनामे के अनुसार, मई 2019 में लोकसभा सांसद बनीं महुआ को उनके दोस्तों ने सलाह दी थी कि प्रसिद्धि का सबसे छोटा रास्ता नरेंद्र मोदी पर हमला करना है। उन्होंने सोचा कि पीएम मोदी पर हमला करने का एकमात्र तरीका गौतम अदाणी और उनके समूह पर हमला करना है क्योंकि वे दोनों गुजरात से ही आते हैं।
सरकार को शर्मिंदा करने के लिए अदाणी समूह पर निशाना
हीरानंदानी ने दावा किया था कि महुआ मोइत्रा ने संसद के लॉगिन क्रेडेंशियल उनके साथ साझा किए थे। हलफनामे में कहा गया, महुआ जानती थीं कि इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन अदाणी समूह के संयुक्त उद्यम धामरा एलएनजी के साथ एक समझौता कर रहा है… उसने कुछ सवालों का मसौदा तैयार किया, जिन्हें वह संसद में उठा सकती थी। सवालों में सरकार को शर्मिंदा करने और अदाणी समूह को निशाना बनाने वाले बिंदु होंगे।
संसद की ई-मेल आईडी शेयर की, उपहार भी मांगे
महुआ पर ई-मेल शेयर करने का आरोप लगाते हुए हीरानंदानी ने कहा, “उन्होंने सांसद के रूप में अपनी ईमेल आईडी मेरे साथ साझा की, ताकि मैं उन्हें अदाणी समूह से जुड़ी अहम जानकारी भेज सकूं और वह संसद में इस सवाल उठा सकें। हीरानंदानी के अनुसार, उन्होंने महुआ का प्रस्ताव मान लिया। हीरानंदानी का यह भी दावा है कि टीएमसी सांसद ने उनसे अनुग्रह और उपहार की भी मांग की। हालांकि, महुआ मोइत्रा ने अपनी तरफ से दाखिल हलफनामे में हीरानंदानी के दावों को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा, ऐसा लगता है जैसे बीजेपी के दबाव में हलफनामा तैयार किया गया है।
हलफनामे की असलियत पर महुआ के सवाल
दर्शन हीरानंदानी के हलफनामे की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए, टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा, हलफनामा सादे पन्ने पर है, न कि आधिकारिक लेटरहेड या नोटरी की मौजूदगी में तैयार किया गया दस्तावेज। उन्होंने सवाल किया कि भारत के सबसे सम्मानित/शिक्षित व्यवसायियों में से ऐसे सादे पन्ने पर, इस तरह के पत्र पर हस्ताक्षर क्यों करेगा जब तक कि कोई ऐसा करने के लिए उसके सिर पर बंदूक न रखे?
प्रधानमंत्री कार्यालय से डराने-धमकाने के आरोप
उन्होंने आरोप लगाया कि व्यवसायी हीरानंदानी को पत्र पर हस्ताक्षर करने के लिए “मजबूर” किया गया। मोइत्रा ने कहा, “पीएमओ ने दर्शन और उनके पिता के सिर पर एक बंदूक तान दी और उन्हें भेजे गए इस पत्र पर हस्ताक्षर करने के लिए 20 मिनट का समय दिया। उन्हें उनके सभी व्यवसायों को पूरी तरह से बर्बाद करने की धमकी भी दी गई।। उन्हें बताया गया कि वे समाप्त हो जाएंगे, सीबीआई उन पर छापा मारेगी और सभी सरकारी व्यवसाय बंद कर दिए जाएंगे। सरकारी बैंकों से मिल रहा वित्तपोषण तुरंत बंद कर दिया जाएगा।”
बुलाए जाने पर जरूर पेश होंगी
विवाद तूल पकड़ने पर टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने शुक्रवार को कहा कि अगर एक प्रसिद्ध व्यवसायी से रिश्वत लेने के आरोपों के संबंध में उन्हें बुलाया जाता है तो वह सीबीआई और संसद की आचार समिति के सवालों का जवाब देने के लिए तैयार हैं।
सीबीआई और आचार समिति के समक्ष जाने के तैयार
विवाद तूल पकड़ने पर टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने शुक्रवार को कहा कि अगर एक प्रसिद्ध व्यवसायी से रिश्वत लेने के आरोपों के संबंध में उन्हें बुलाया जाता है तो वह सीबीआई और संसद की आचार समिति के सवालों का जवाब देने के लिए तैयार हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म- एक्स पर महुआ ने लिखा, “मैं सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो) और एथिक्स कमेटी (जिसमें भाजपा सदस्यों का पूर्ण बहुमत है) को सवालों के जवाब देने को तैयार हूं। अगर जांच के लिए मुझे बुलाया जाता है तो वे जरूर जाएंगी।
तृणमूल सांसद ने सवालों को बताया मीडिया का सर्कस
महुआ ने कहा कि उनके पास अदाणी निर्देशित मीडिया सर्कस ट्रायल या बीजेपी ट्रोल्स को जवाब देने के लिए न तो समय है और न ही वे इसमें रुचि रखती हैं। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता ने कहा, “मैं नादिया में दुर्गा पूजा का आनंद ले रहा हूं। शुभो षष्ठी।”
स्पीकर ओम बिरला से समिति गठित करने की अपील
गौरतलब है कि भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर से लोकसभा सांसद महुआ पर संसद में प्रश्न पूछने के लिए व्यवसायी से रिश्वत लेने का आरोप लगाया है। उन्होंने स्पीकर ओम बिरला से आरोपों की जांच के लिए एक जांच समिति गठित करने का आग्रह किया है।
26 अक्तूबर को मौखिक गवाही
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने दुबे की शिकायत को आचार समिति को भेज दिया है, जिसने दुबे और वकील जय अनंत देहादराय को 26 अक्तूबर को मौखिक गवाही के लिए बुलाया है। प्रारंभिक शिकायत दर्ज कराने वाले देहादराय, मोइत्रा के पूर्व साथी हैं। महुआ के पालतू कुत्ते को लेकर देहादराय का उनके साथ झगड़ा हो गया था। उनका कहना है कि पिछले छह महीनों में देहादराय के खिलाफ कई पुलिस शिकायतें दर्ज कराई गई हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि शिकायत “झूठ” पर आधारित हैं।
सांसद निशिकांत दुबे ने एक्स पोस्ट दोबारा शेयर किया
महुआ और हीरानंदानी का हलफनामा दायर होने के बाद देहादराय ने सोशल मीडिया पोस्ट में आरोप लगाया कि मोइत्रा के पालतू कुत्ते- हेनरी के बदले उन पर अपनी सीबीआई शिकायत वापस लेने का दबाव बनाया गया। इसे पोस्ट को भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने दोबारा पोस्ट किया था।
महुआ के पुराने दोस्त का बयान
देहादराय के अनुसार, “कल दोपहर मुझे हेनरी के बदले में अपनी सीबीआई शिकायत और निशिकांत दुबे को लिखे पत्र को वापस लेने के लिए मजबूर करने का प्रयास किया गया। मैंने साफ इनकार कर दिया – मैं सीबीआई को विवरण दूंगा।” बकौल देहादराय, मैसेंजर पूरी तरह से निर्दोष है, लेकिन आपको महुआ के बारे में सब कुछ बताता है।
पश्चिम बंगाल में भी बढ़ रहा राजनीतिक तापमान
इसके बाद भाजपा सासंद दुबे ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि यह “संसद को बचाने” की लड़ाई है, न कि राजनीतिक लड़ाई। पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने भी इस मामले में बयान दिया है। अधिकारी ने कहा कि महुआ का पश्चिम बंगाल से निर्वाचित सांसद होना शर्मिंदा करने वाला है।
#WATCH | On allegations of ‘cash for query’ against TMC MP Mahua Moitra, LoP West Bengal Suvendu Adhikari says, “This a serious allegation. It is shameful that she is elected from Bengal. I seriously condemn this type of practice by the TMC MP. Lok Sabha Ethics Committee should… pic.twitter.com/hU9mnw2Ock
— ANI (@ANI) October 20, 2023
भाजपा विधायक बोले- बंगाल से निर्वाचन शर्मनाक
सुवेंदु ने कहा, संसद में सवाल के बदले पैसे का मामला गंभीर है। आरोप बेहद गंभीर हैं। यह शर्मनाक है कि वह बंगाल से चुनी गयी हैं। उन्होंने कहा, “मैं टीएमसी सांसद की इस तरह की हरकत की गंभीरता से निंदा करता हूं।’ लोकसभा आचार समिति को यथाशीघ्र उचित कार्रवाई करनी चाहिए।
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