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![Manipur Unrest: मणिपुर हिंसा के बीच बड़ा फैसला, म्यांमार से आने वाले शरणार्थियों की होगी बायोमेट्रिक जांच Govt to collect biometrics of refugees from Myanmar crossing into India Amid Manipur unrest](https://staticimg.amarujala.com/assets/images/2018/11/12/750x506/biometrics_1542040015.jpeg?w=414&dpr=1.0)
प्रतीकात्मक तस्वीर
विस्तार
मणिपुर में नस्ली हिंसा के बीच केंद्र सरकार ने पूर्वोत्तर के लिए दो बड़े निर्णय किए हैं। सरकार ने तय किया है कि म्यांमार से आने वाले लोगों की बायोमैट्रिक जांच कर डाटा यूआईडीएआई से जोड़ दिया जाए, ताकि वह भारत में नागरिकता या मतदाता सूची में नाम न दर्ज करा पाएं।
इसके अलावा सरकार ने भारत-म्यांमार की पूरी सीमा पर बाड़ लगाने के प्रयास बड़े पैमाने पर शुरू किए हैं। अब तक मणिपुर-मिजोरम सीमा पर 10 किलोमीटर इलाके में ही बाड़बंदी की जा सकी है।
विश्वास बहाली के लिए बातचीत जारी
हिंसाग्रस्त राज्य में विश्वास बहाली के लिए सरकार मैतेई और कुकी, दोनों समुदायों से बात कर रही है। असम में छह-छह दौर की वार्ता हो चुकी है। इस बीच, कुकी प्रतिनिधि मंडल दिल्ली में गृह मंत्री शाह से भी मुलाकात कर चुका है। 35 हजार जवान तैनात : मणिपुर में सेना व अर्धसैनिक बल के करीब 35 हजार, जवान तैनात हैं। राज्य में अब दवा और अन्य वस्तुओं की आपूर्ति नियमित रूप से हो रही है। आवश्यक चीजों की आपूर्ति भी नियंत्रण में है।
याचिका सीजेआई के पास
सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर हिंसा व महिलाओं से बर्बरता की जांच रिटायर्ड जज की अध्यक्षता वाली कमेटी से कराने की मांग से जुड़ी याचिका को सीजेआई के पास भेज दी। इसे जस्टिस एसके कौल व जस्टिस सुधांशु धूलिया की पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किए जाने का उल्लेख था।
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