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![Maratha Quota: 'आरक्षण नहीं तो 25 अक्तूबर से आमरण अनशन', MP-विधायकों को गांवों में नहीं घुसने देने की चेतावनी Maharashtra Maratha Quota Demand Activist Manoj Jarange fast unto death protest October 25](https://staticimg.amarujala.com/assets/images/2023/03/15/maharshtra-chief-minister-eknath-shinde_1678829951.jpeg?w=414&dpr=1.0)
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे।
– फोटो : ANI
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सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जारांगे ने कहा कि अगर महाराष्ट्र सरकार मंगलवार तक मराठा समुदाय को आरक्षण देने में विफल रहती है तो वह 25 अक्तूबर से आमरण अनशन शुरू करेंगे। कार्यकर्ता मनोज जालना जिले के अंतरवाली सरती गांव में रहते हैं।
मराठा आरक्षण को लेकर रविवार को एक संवाददाता सम्मेलन में जारांगे ने कहा कि आरक्षण की मांग पूरी होने तक मराठा समुदाय सांसदों और विधायकों को महाराष्ट्र के गांवों में घुसने नहीं देगा। उन्होंने आगाह किया कि राजनीतिक नेताओं को राज्य भर के गांवों में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा।
बता दें कि जारांगे ने इस साल सितंबर में इस गांव में भूख हड़ताल की थी और मांग की थी कि मराठों को ओबीसी श्रेणी के तहत सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण दिया जाए। उन्होंने कोटा देने के लिए सरकार को 24 अक्तूबर तक 40 दिन का अल्टीमेटम देते हुए विरोध वापस ले लिया था।
जारंगे ने कहा, “अगर महाराष्ट्र सरकार 24 अक्टूबर तक मराठा समुदाय को आरक्षण देने पर निर्णय लेने में विफल रहती है, तो मैं आमरण अनशन पर बैठूंगा। स्थानीय लोग और अन्य गांवों के लोग भी इसी तरह का विरोध प्रदर्शन शुरू करेंगे।” उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में सभी गांव अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल में शामिल होंगे। मराठों से आरक्षण की मांग के प्रति अपना समर्थन व्यक्त करने के लिए उन्होंने एक कैंडल मार्च निकालने की अपील भी की।
उन्होंने कहा, “यह शांतिपूर्ण ढंग से लड़े जा रहे युद्ध की तरह है। मैं 28 अक्तूबर को नई दिशाओं की घोषणा करूंगा। सरकार वह दिशा बर्दाश्त नहीं कर सकती जो मैं लोगों को दिखाऊंगा।” जारांगे ने कहा कि वह उपवास के दौरान पानी और चिकित्सा सहायता लेने से भी परहेज करेंगे।
उन्होंने कहा कि 25 अक्टूबर को श्रृंखलाबद्ध भूख हड़ताल शुरू की जाएगी जो 28 अक्टूबर से पूर्ण भूख हड़ताल में बदल जाएगी। जारांगे ने कहा कि महाराष्ट्र की हर तहसील और गांव में मराठा समुदाय अहिंसक प्रदर्शन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए कैंडल मार्च आयोजित करेगा। 5 करोड़ मराठा विरोध प्रदर्शन में भाग लेंगे।
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