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![Mathura: वृंदावन में हादसे के बाद भी नहीं जागे जिम्मेदार, कागजों में सिमटा जर्जर मकानों को तोड़ने का अभियान campaign to demolish dilapidated houses in Vrindavan has remained limited to papers](https://staticimg.amarujala.com/assets/images/2023/08/15/mathura-shahara-ka-bca-bca-vakasa-bjara-sathata-ghara-ka-jarajara-chhata_1692112357.jpeg?w=414&dpr=1.0)
Mathura: शहर के बीचो-बीच विकास बाजार स्थित घर की जर्जर छत
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
तीर्थनगरी मथुरा के वृंदावन स्थित बांकेबिहारी मंदिर मार्ग स्थित जर्जर मकान का हिस्सा धराशायी होने से पांच श्रद्धालुओं की मौत के बाद भी क्षेत्र में जिम्मेदार जागे नहीं हैं। मंदिर क्षेत्र में ही अनेक मकान गिरासू हालत में हैं, जो कभी बड़े हादसे का सबब बन सकते है। नगर निगम महज नोटिस जारी कर रहा है और मकान मालिक हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं।
वृंदावन के बांकेबिहारी मंदिर, मदनमोहन मंदिर, शाहजी मंदिर, जुगलकिशोर मंदिर एवं पुराने शहर में दो दर्जन से अधिक मकान ऐसे हैं जो गिरासू हालत में हैं। कई मकान मंदिर को जाने वाले मार्गों पर स्थित है, जिनके गिरने से कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है, लेकिन मकान मालिक इसकी अनदेखी कर रहे हैं।
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वहीं नगर निगम की कार्रवाई भी जर्जर मकानों को चिह्नित करने और नोटिस देने तक सीमित हैं। बांकेबिहारी मंदिर क्षेत्र निवासी महाराम सिंह का कहना है कि मंदिरों के आसपास कई मकान पुराने होने के कारण कमजोर हो गए हैं। कभी भी गिर सकते हैं और हादसा हो सकता है, लेकिन उन मकानों का गिरासू हिस्सा हटाया नहीं जा रहा है।
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जंगलकट्टी क्षेत्र निवासी पुरुषोत्तम शर्मा ने कहा कि नगर निगम जर्जर मकानों को लेकर गंभीर नहीं है। मंदिर और प्रमुख मार्गों के आसपास कई मकान गिरासू हैं, लेकिन हटाए नहीं जा रहे हैं। नगर निगम निर्माण विभाग के जेई अरुण कुमार ने बताया कि अभी तक 33 जर्जर मकान मालिकों को नोटिस जारी किए हैं। मकान गिरने से हादसा होता है, मकान मालिक ही जिम्मेदार होगा।
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