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![Monsoon Session: इस सप्ताह भी हंगामे के आसार, दिल्ली सेवा विधेयक होगा पेश, अविश्वास प्रस्ताव पर भी चर्चा Uproar in Parliament over Manipur violence likely to continue this week, Delhi Services Bill to be introduced](https://staticimg.amarujala.com/assets/images/2022/07/19/750x506/parliament-monsoon-session_1658202771.jpeg?w=414&dpr=1.0)
संसद का मानसून सत्र
– फोटो : ANI
विस्तार
मणिपुर में जारी हिंसा के मुद्दे पर संसद में लगातार विपक्षी दलों का हंगामा जारी है। ऐसे में मानसून सत्र का तीसरा सप्ताह भी हंगामे से भरा रहने की आशंका है। साथ ही इस सप्ताह सरकार दोनों सदनों में दिल्ली में अधिकारियों की नियुक्ति और तबादले से संबंधित विधेयक लाने की तैयारी में है। यह विधेयक दिल्ली सेवा अध्यादेश की जगह लेगा। यह विधेयक भाजपा नीत एनडीए के खिलाफ विपक्ष को एकजुट करने का आधार बना है।
केजरीवाल सरकार कर रही विधेयक का विरोध
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी इस विधेयक का कड़ा विरोध कर रही है। कांग्रेस व उसके सहयोगी अन्य विपक्षी दल भी संसद में इसके विरोध की घोषणा कर चुके हैं। दिल्ली से जुड़े विधेयक के अलावा केंद्र सरकार ने 13 अन्य मसौदा विधेयकों को भी सूचीबद्ध कर रखा है। लोकसभा में विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर भी चर्चा होनी है। हालांकि अब तक इसकी तिथि तय नहीं है।
सरकार ने हंगामे के बीच ही लोकसभा से पांच विधेयकों को पारित करा लिया है। राज्यसभा ने तीन विधेयकों को मंजूरी दी है। इनमें सिनेमेटोग्राफ बिल भी शामिल है। इस विधेयक को अब लोकसभा की मंजूरी मिलनी है।
ये विधेयक हैं सरकार के एजेंडे में
जन्म-मृत्यु रजिस्ट्रेशन संशोधन विधेयक, जम्मू-कश्मीर अनुसूचित जनजाति आदेश संविधान संशोधन विधेयक, जम्मू-कश्मीर अनुसूचित जाति आदेश संविधान संशोधन विधेयक, जम्मू-कश्मीर आरक्षण संशोधन विधेयक, जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन संशोधन विधेयक, अंतर सेवा संगठन (कमांड, कंट्रोल और अनुशासन) विधेयक, अनुसूचित जाति संविधान संशोधन विधेयक, ऑफशोर एरिया मिनरल (डेवलपमेंट एंड रेगुलेशन) संशोधन विधेयक और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट संशोधन विधेयक।
अविश्वास प्रस्ताव लंबित रहते नीतिगत फैसले नहीं ले सकती सरकार : प्रेमचंद्रन
आरएसपी सदस्य एनके प्रेमचंद्रन ने एमएन कौल और एसएल शकधर की प्रैक्टिस एंड प्रोसीजर ऑफ पार्लियामेंट को उद्धृत करते हुए कहा, जब संसद के सामने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर फैसला न हो जाए तबतक नीतिगत निर्णय से संबंधित कोई भी प्रस्ताव नहीं लाया जाना चाहिए।
विपक्ष में क्षमता हो तो सरकार के विधेयकों पर मतदान करा ले : जोशी
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने प्रेमचंद्रन की इस बात को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा विपक्ष को चुनौती दी कि यदि उसे लगता है कि उसके पास नंबर है तो सरकार के विधेयकों को मतदान में गिरा दे। उन्होंने कहा, वे अचानक अविश्वास प्रस्ताव ले आए। क्या इसका अर्थ यह है कि सरकार कोई काम न करे?
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