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मुरादाबाद।
शिया समुदाय द्वारा मोहर्रम की नौवीं तारीख को शहर के विभिन्न स्थानों पर मजलिसों का आयोजन किया गया। जिसमें कर्बला में इमाम हुसैन की शहादत और यजीदियों के जुल्मों सितम को बयां किया गया। जिसे सुन अजादारों के आंसू छलक गए। हाय हुसैन की सदाएं बुलंद होती रहीं। छुरियों का मातम भी किया गया।
शुक्रवार को दो मजलिस लाकड़ीवालान और एक चौमुखापुल पर हुई। जिन्हें खिताब करते हुए मौलाना तनवीर अब्बास आजमी ने कहा कि कर्बला के मैदान में आठ मोहर्रम से यजीद ने पानी बंद कर दिया था। जिसकी वजह से 10 मोहर्रम तक खेमों में पानी खत्म हो गया। कर्बला के मैदान में गर्मी का उस समय यह आलम था कि वहां अगर जमीन पर चना गिर जाए तो भून जाए। ऐसी हालत में हजरत इमाम हुसैन का छह माह का भूखा-प्यासा बेटा। गर्मी और पानी ना होने की वजह से मां का दूध भी सुख गया था। उस छह माह के बच्चे को लेकर इमाम हुसैन कर्बला के मैदान में गए। यजीद से इमाम हुसैन ने छह माह के बच्चे के लिए पानी मांगा। मगर यजीद ने हूरमला को हजरत अली असगर को तीर मारने का हुकुम दिया। हुरमला के तीर से हजरत अली असगर की शहादात को सुनकर अजादारों के आंसू निकल आए। सभी हाय हुसैना, हाय हुसैना की सदाएं बुलंद करने लगे। इसके अलावा चौथी मजलिस डॉ. सिब्ते नबी के यहां हुई। वहां भी तनवीर आजमी ने मजलिस को खिताब किया।
जुलूस एवं मजलिसों में हाजी अनीस बाकरी, हाजी शबी हैदर, हाजी कायम हसनैन, हाजी नसीम हैदर, मोहम्मद अब्बास एडवोकेट, शाहनवाज नकवी, सुहैल अहमद रिजवी, सलमान, हाजी नकी हैदर, अरबाब मेहदी, जाकिर हुसैन, शौकत अली, शाजैब नकवी, आसिम यावर, कुमैल नकवी, आलम आब्दी, अजीम हैदर, चमन हैदर, हाजी नसीम हैदर, हाजी कायम हसनैन, मोहम्मद आलम, जिम्मी नकवी, अली, दानिश, ताबिश रिजवी, शबी हैदर, आसिफ रजा, जाफर मेहदी, उरूज मेहदी, आरिज अब्बास, कौसर अली सहित भरी संख्या में अजादार मौजूद रहे।
खून से लथपथ अजादार हुसैन जिंदाबाद के लगाते रहे नारे
मुरादाबाद। शिया समुदाय की ओर से इमामबाड़ा कुली खां साहब में जुलूस निकाल कर छुरियों का मातम किया गया। जिसमें अजादार खून से लथपथ होकर भी हुसैन जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे। जुलूस के बाद मोहल्ला किसरोल में अबरार वारसी के चांदी वाले ताजिये पर भी अजादरों ने नोहा पढ़ा और वहां भी मातम किया। नजरों नियाज का सिलसिला पूरी रात चलता रहा।
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