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मोनिका यादव हत्याकांड
– फोटो : अमर उजाला
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दिल्ली पुलिस की पूर्व सिपाही एवं यूपी पुलिस की सब इंस्पेक्टर मोनिका की हत्या का आखिर परदाफाश हो ही गया। दिल्ली पुलिस ने मामले की तह तक जाने के लिए यूपीएससी व एसएससी का डाटा चेक किया तो उसमें कही भी मोनिका का नाम नहीं मिला।
इसके बाद पुलिस ने जांच की दिशा बदली और मृतका के परिजनों के पास आने वाले फोन नंबर की आईडी चेक कराई। इसमें आरोपी के साथी का ओरिजनल फोटो मिलने से पुलिस उस तक पहुंच गई और फिर हत्याकांड से पर्दा उठने में देर नहीं लगी।
अपराध शाखा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मोनिका यादव की हत्या का मामला जुलाई महीने के आखिर में मुखर्जी नगर पुलिस स्टेशन से अपराध शाखा को ट्रांसफर हुआ था। जांच शाखा में तैनात पुलिस उपायुक्त संजय भाटिया की देखरेख में एसीपी रविंद्र राजपूत व इंस्पेक्टर राजीव कक्कड को सौंपी गई।
जांच के बाद एसीपी रविंद्र राजपूत व राजीव कक्कड़ को ये आइडिया आया कि अगर मोनिका कहीं यूपीएससी व एसएससी की परीक्षाओं की तैयारी कर रही है तो उसका यूपीएससी व एसएससी के रिकार्ड में नाम जरूर होगा। आरोपी सुरेंद्र सिंह राणा ने मृतका के परिजनों को बता रखा था कि वह यूपीएससी की तैयारी कर रही है। इस परीक्षा के कारण मोनिका ने अपने परिजनों से दो वर्ष तक संपर्क नहीं किया था।
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