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कोरोना के बढ़ते नए जोखिमों को देखते हुए वैज्ञानिकों ने इससे मुकाबले के लिए वैक्सीन को अपडेट करना भी शुरू कर दिया है। वैक्सीन कंपनी फाइजर ने गुरुवार को जारी अपडेट में बताया कि वो नए वैरिएंट्स को टारगेट करने के लक्ष्य से वैक्सीन को अपडेट कर रही है। एरिस जैसे वैरिएंट्स के खिलाफ सुरक्षा देने में इस वैक्सीन से लाभ मिलने की उम्मीद है। प्रारंभिक शोध और परीक्षण में इसके बेहतर परिणाम भी देखने को मिले हैं।
फाइजर इंक ने एक बयान में बताया कि हम कोरोना के उभरते नए वैरिेएंट्स से मुकाबले के लिए नए कोविड-19 शॉट्स का परीक्षण कर रहे हैं, चूहों पर किए गए अध्ययन में एरिस सब-वैरिएंट के खिलाफ इसे प्रभावी पाया गया है। फाइजर ने अपने जर्मन पार्टनर बायोएनटेक, मॉडर्ना और नोवावैक्स के साथ मिलकर अपडेटेड वैक्सीन शॉट तैयार किया है, जो XBB.1.5 सब-वेरिएंट के खिलाफ काफी असरदार हो सकती है।
हाल में कोरोना के दो नए वैरिएंट्स देखे गए हैं, जिनमें अतिरिक्त म्यूटेशंस वैक्सीनेशन से बनी प्रतिरक्षा को आसानी से चकमा देने वाले हो सकते हैं।
नए वैरिएंट्स के जोखिमों को देखते हुए वैक्सीन कंपनी मॉडर्ना ने भी वैक्सीन को अपडेट करना शुरू कर दिया है। इसे नए एरिस वैरिएंट को लक्षित करने के लिए तैयार किया जा रहा है। शोधकर्ताओं ने बताया कि ओमिक्रॉन के ये नए सब-वैरिएंट्स आसानी से प्रतिरक्षा प्रणाली को चकमा देने वाले देखे जाते रहे हैं। इसके अलावा EG.5 के कारण यूएस में 17 फीसदी से अधिक मामले बढ़े हैं। ऐसे नें नए वैरिएंट्स से बचाने में अपडेटेड वैक्सीन्स से लाभ मिल सकता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, दो नए वैरिएंट्स तेजी से बढ़ रहे हैं, जिसको लेकर सभी लोगों को अलर्ट रहने की आवश्यकता है।
हालिया मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पिछले दिनों कोरोना के दो नए वैरिएंट्स के लेकर स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चिंता जताई है। यूके सहित कई देशों में कोरोना के एरिस वैरिएंट के कारण तेजी से संक्रमण और अस्पताल में रोगियों की संख्या बढ़ते हुए देखी गई है, वहीं हालिया रिपोर्ट में वैज्ञानिकों की टीम ने इजराइल, डेनमार्क और संयुक्त राज्य अमेरिका सहित कई देशों में एक और नए वैरिएंट BA.2.86 को लेकर चिंता जताई है।
शोधकर्ताओं की टीम ने बताया कि ये कोरोना के अत्यधिक म्यूटेटेड वर्जन्स में से एक हो सकता है, जिसके कारण इसकी संक्रामकता दर अधिक हो सकती है।
शोधकर्ताओं की टीम ने बताया कि इन नए वैरिएंट्स में कई जेनिटिक म्यूटेशंस देखे गए हैं। अब तक देख गए कोरोना के मूल वैरिएंट की तुलना में इसके स्पाइक प्रोटीन में 30 से अधिक उत्परिवर्तन हैं, कई देशों में इन नए वैरिएंट्स का पता चलने से वैज्ञानिक सतर्क हो गए हैं।
यूसीएल जेनेटिक्स इंस्टीट्यूट के निदेशक प्रोफेसर फ्रेंकोइस बैलौक्स कहते हैं, बीए.2.86, ओमिक्रॉन का संभवत: अब तक का सबसे खतरनाक कोविड स्ट्रेन हो सकता है और इससे संक्रमण का खतरा उन लोगों को भी बना हुआ है जिनके शरीर में टीकाकरण और प्राकृतिक संक्रमण से बनी प्रतिरक्षा मौजूद है।
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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।
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