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NIA
– फोटो : Social Media
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एनआईए की जांच से पता चला है कि आईएसआईएस से प्रेरित एजेंट उकसाने वाले खिलाफत विचारधारा के प्रचार में लगे हुए थे। एनआईए ने बताया है कि यह विचारधारा भारत के संवैधानिक रूप से स्थापित धर्मनिरपेक्षता और लोकतंत्र के सिद्धांतों के खिलाफ है। मामले में शामिल व्यक्तियों के समूह ने युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और भर्ती करने की साजिश रची थी, जो बाद में आतंकवादी और गैरकानूनी कृत्यों और गतिविधियों में शामिल पाए गए। एनआईए ने बताया कि ऐसा ही एक आतंकी हमला 23 अक्टूबर 2022 के कोयंबटूर कार बम विस्फोट मामले से संबंधित है।
एनआईए ने कहा कि मामले में जांच जारी है। एनआईए का ठोस प्रयास है कि आईएसआईएस के कमजोर और अतिसंवेदनशील युवाओं को आतंकवादी नेटवर्क में शामिल लोगों के प्रयासों को विफल किया जाए। केंद्रीय एजेंसी ने कहा कि ये आतंकी संगठनदेश में शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने और बाधित करने के उद्देश्य से आतंक फैलाने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं।
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