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खबर है कि वायरस का प्रसार अब कोझिकोड जिले के साथ आसपास के हिस्सों में भी बढ़ता जा रहा है। मलप्पुरम में 22, वायनाड से एक और कन्नूर-त्रिशूर में तीन-तीन लोगों को संक्रमितों के निकट संपर्क वाला पाया गया है।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कहा, संक्रमण का जोखिम तेजी से बढ़ रहा है, सुरक्षात्मक रूप से सभी लोगों को बचाव के लिए प्रयास करते रहने की आवश्यकता है। वायरस के प्रसार का जिस तरह से अलग-अलग जिलों में भी बढ़ने का जोखिम देखा जा रहा है, इस खतरे को देखते हुए आसपास के राज्यों की भी अलर्ट रहने की आवश्यकता है। निपाह, बड़ा स्वास्थ्य जोखिम हो सकता है, यह कोरोना से बड़ा खतरा हो सकता है।
केरल का कोझिकोड जिला, इस संक्रमण के सबसे अधिक जोखिम वाला माना जा रहा है। खतरे को ध्यान में रखते हुए यहां के सभी शैक्षणिक संस्थानों को 24 सितंबर तक बंद रखने का आदेश दिया गया है। स्थानीय प्रशासन ने संक्रमण की अधिकता वाले क्षेत्रों में लोगों को न जाने की सलाह दी है। फलों-सब्जियों को खाने से पहले उसे अच्छी तरह से साफ करें। पक्षियों द्वारा कटा हुआ फल न खाएं।
इसके अलावा कुछ समय से बुखार और सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण बने हुए हैं तो इस बारे में किसी स्वास्थ्य विशेषज्ञ की सलाह जरूर ले लें। संक्रमण से बचाव करते रहना सभी के लिए जरूरी है।
केरल में बढ़ते संक्रमण के जोखिमों को देखते हुए पड़ोसी राज्य भी अलर्ट हो गए हैं। पड़ोसी राज्य में निपाह के प्रकोप के बाद कर्नाटक सरकार ने दिशानिर्देश जारी करके केरल के प्रभावित क्षेत्रों की अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी गई है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, निपाह संक्रमण के कारण मनोरोग और तंत्रिका संबंधी जटिलताओं (अवसाद, व्यक्तित्व परिवर्तन, ध्यान देने में कमी और इंसेफेलाइटिस) जैसी गंभीर समस्याओं के विकसित होने का भी खतरा हो सकता है, इसलिए बचाव के लिए उपाय करते रहना बहुत आवश्यक है।
केरल में संक्रमण के बढ़ते खतरे और इसके कारण मौत के जोखिमों को देखते हुए केंद्र ने ऑस्ट्रेलिया से मोनोक्लोनल एंटीबॉडी की 20 और खुराक खरीदने का फैसला किया है। दक्षिण भारत के इस राज्य में बार-बार निपाह का प्रकोप सामने आने और कोविड की तुलना में मृत्यु दर बहुत अधिक होने के कारण, आईसीएमआर वायरल बीमारी के खिलाफ टीके विकसित करने पर काम शुरू करने की भी योजना बना रहा है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बताया कि निपाह से संक्रमित लोगों में मृत्युदर 45-70 फीसदी के बीच हो सकता है जो काफी गंभीर चिंता का कारण है।
राज्य के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, अगर किसी को 3-5 दिनों से संक्रमण के लक्षणों का अनुभव हो रहा है और ये सामान्य उपचार से ठीक नहीं हो रहा है तो इसपर गंभीरता से ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है। निपाह वायरस का संक्रमण अक्सर तेज बुखार से शुरू होता है, इसके साथ सिरदर्द-मांसपेशियों में दर्द और फ्लू जैसे लक्षणों का होना सामान्य प्रारंभिक लक्षण है। इसके अलावा मितली, झटके आना, सांस की समस्या भी कई संक्रमितों में देखी जा रही है जिसपर समय रहते ध्यान देना और उपचार प्राप्त करना आवश्यक हो जाता है।
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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।
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