[ad_1]
![PACS: अब बैंकिंग, बीमा जैसी 300 सेवाएं भी मुहैया कराएंगे पैक्स, 13 करोड़ से अधिक ग्रामीण होंगे लाभान्वित PACS will offer 300 services including banking insurance Aadhaar enrolment to rural citizens says amit shah](https://staticimg.amarujala.com/assets/images/2023/07/22/750x506/amit-shah-pacs_1689983285.jpeg?w=414&dpr=1.0)
केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह
– फोटो : सोशल मीडिया
विस्तार
देश में सक्रिय करीब 95,000 प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पैक्स) को जल्द ही सामान्य सेवा केंद्र (सीएससी) से जोड़ा जाएगा। इससे पैक्स को पंचायत स्तर पर आर्थिक रूप से मजबूत संस्था बनाया जा सकेगा। केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को विज्ञान भवन में प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पैक्स) को आवंटित सामान्य सेवा केंद्र (सीएससी) का उद्घाटन किया। कार्यक्रम में शाह ने कहा, इस पहल के तहत देश के 13 करोड़ किसान व ग्रामीणों को बैंकिंग, बीमा, आधार नामांकन, रेल टिकट, स्वास्थ्य और कानून से जुड़ी 300 से ज्यादा सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
साथ ही, उन्होंने बताया कि देश में 17 हजार से ज्यादा पैक्स ने सीएससी के लिए पंजीकरण किया है, इनमें से 6 हजार ने सीएससी के तौर पर काम करना शुरू भी कर दिया है। पैक्स-सीएसी के गठजोड़ को ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को सुविधाएं बढ़ाने में सहायक बताते हुए शाह ने कहा, आने वाले पांच वर्ष में देश में पैक्स की संख्या बढ़कर 3 लाख तक पहुंच जाएगी। सीएससी के तौर पर काम करते हुए पैक्स के जरिये ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई गति मिलेगी। उन्होंने बताया कि आने वाले कुछ सप्ताह के भीतर जो पैक्स सीएससी शुरू करेंगे, उससे करीब 14 हजार युवाओं को रोजगार मिलेगा।
आज नई दिल्ली में PACS द्वारा मिलने वाली CSC सेवाओं का शुभारंभ किया।
अब PACS कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के लाभ के साथ 300 से अधिक डिजिटल सेवाओं को समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुँचा सकेंगे।
इससे लोगों को मिलने वाली जनसुविधाओं की राह आसान होगी, PACS… pic.twitter.com/wNBQ8jtcJ0
— Amit Shah (@AmitShah) July 21, 2023
गांवों से बढ़ेगी देश की अर्थव्यवस्था
शाह ने कहा, देश को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की राह ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने से ही खुलेगी। इसके लिए यह जरूरी है कि सहकारिता आंदोलन को मजबूत किया जाए और इसकी सबसे छोटी इकाई पैक्स को समृद्ध बनाया जाए। इसी दृष्टिकोण के साथ पैक्स को मजबूत बनाया जा रहा है। 2014 में देश में 83 हजार सीएसी थे, जो अब बढ़कर 5.19 लाख हो गए हैं। इस विस्तार में अब पैक्स भी भागीदार होंगी।
[ad_2]
Source link