[ad_1]
Shehbaz Sharif
– फोटो : Social Media
विस्तार
भारत ने पिछले महीने गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया था। केंद्र ने यह कदम घरेलू बाजार में कीमतें थामने के लिए उठाया। एक ओर जहां इस फैसले से कई देशों में चावल की कीमतें बढ़ने का खतरा उत्पन्न हो गया। वहीं फैसला पड़ोसी पाकिस्तान के चावल निर्यातकों के लिए फायदेमंद साबित हो रहा है।
प्रतिबंध लगाने के बाद पाकिस्तानी चावल की बढ़ी मांग
पाकिस्तान चावल निर्यातक संघ के अध्यक्ष चेला राम केवलानी ने कहा कि भारत द्वारा गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध से पाकिस्तानी कंपनियों के निर्यात ऑर्डर में वृद्धि हुई है। केवलानी ने बुधवार को कहा, ‘प्रतिबंध लगाने के बाद वैश्विक बाजार में पाकिस्तानी चावल की बड़ी मांग है। अंतरराष्ट्रीय खरीदार अब पाकिस्तानी निर्यातकों की ओर रुख कर रहे हैं।’
कीमत बढ़कर 500 अमेरिकी डॉलर प्रति टन हुई
उन्होंने कहा, ‘इस साल पाकिस्तान को तीन अरब डॉलर से अधिक मूल्य का चावल निर्यात करने की उम्मीद है। बासमती चावल की कीमत 100 डॉलर प्रति टन बढ़ गई है। भारत द्वारा गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने से पहले पाकिस्तानी गैर-बासमती चावल की कीमत 450 अमेरिकी डॉलर प्रति टन थी। हालांकि, अब अंतरराष्ट्रीय बाजार में यह बढ़कर 500 अमेरिकी डॉलर प्रति टन हो गई है। गुणवत्ता के आधार पर कीमत प्रति टन 600 अमेरिकी डॉलर तक भी पहुंच सकती है।’
27 रूसी कंपनियों के साथ बातचीत जारी
केवलानी ने कहा कि अमेरिका, ब्रिटेन और अन्य यूरोपीय देशों से बढ़ती मांग के अलावा रूस ने भी पाकिस्तान से पांच मिलियन टन चावल खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है। उन्होंने कहा कि हम गैर-बासमती चावल के निर्यात के लिए 27 रूसी कंपनियों के साथ बातचीत कर रहे हैं। इसके अलावा, मेक्सिको द्वारा पाकिस्तानी चावल के निर्यात के लिए भी बातचीत जारी है।
उन्होंने कहा कि भारतीय गैर-बासमती सफेद चावल की वैश्विक बाजार में काफी मांग है, यही वजह है कि प्रतिबंध से पाकिस्तानी निर्यातकों को मदद मिली है।
[ad_2]
Source link