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![Pawar vs Pawar: असली राकांपा किसकी? पार्टी के नाम और चिह्न को लेकर चुनाव आयोग में अगली सुनवाई नौ नवंबर को Dispute over NCP's name, poll symbol: EC fixes November 9 as next date of hearing](https://staticimg.amarujala.com/assets/images/2023/07/05/ajit-pawar-sharad-pawar-ncp_1688538172.jpeg?w=414&dpr=1.0)
अजित पवार और शरद पवार के बीच राकांपा के लिए रस्साकशी।
– फोटो : Amar Ujala
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सोमवार को चुनाव आयोग ने पार्टी के नाम और चुनाव चिन्ह पर अपना-अपना दावा करने वाले एनसीपी के दोनों पक्षों को सुना। सुनवाई के दौरान शरद पवार के नेतृत्व वाले पक्ष ने कहा कि अजीत पवार गुट द्वारा दिए गए दस्तावेजों में कई विसंगतियां हैं। चुनाव आयोग ने पार्टी के नाम और चुनाव चिन्ह पर अपने दावों को लेकर शरद पवार और अजीत पवार के नेतृत्व वाले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के विरोधी गुटों की सुनवाई के लिए अगली तारीख 9 नवंबर तय की है। साथ ही शरद पवार पक्ष को 30 अक्तूबर तक अजीत पवार गुट द्वारा किए गए दावों पर अपना प्रत्युत्तर दाखिल करने को कहा है।
दोनों पक्षों ने ठोका अपना-अपना दावा
शरद पवार गुट के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने दावा किया कि चुनाव आयोग ने एनसीपी के नाम और चुनाव चिह्न पर अपने दावे के समर्थन में अजीत पवार समूह द्वारा प्रस्तुत 9,000 से अधिक दस्तावेजों में विसंगतियां पाई हैं। अजित पवार जिन्होंने पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न पर दावा करते हुए चुनाव आयोग का रुख किया था, ने कहा कि उन्हें महाराष्ट्र में 53 एनसीपी विधायकों में से 42, नौ एमएलसी में से छह, नागालैंड में सभी सात विधायकों और एक-एक सदस्य का समर्थन प्राप्त है।
जुलाई में महाराष्ट्र सरकार में शामिल होने के लिए अजीत पवार ने शरद पवार के खिलाफ बगावत करने से दो दिन पहले 30 जून को चुनाव आयोग से संपर्क किया था। इस दौरान उन्होंने पार्टी नाम और चिन्ह पर अपना दावा ठोका था और खुद को पार्टी का अध्यक्ष घोषित किया था।
हाल ही में शरद पवार के नेतृत्व वाले पक्ष ने चुनाव आयोग को बताया कि पार्टी में कोई विवाद नहीं है सिवाय इसके कि कुछ शरारती व्यक्ति अपनी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं के लिए पार्टी से अलग हो गए हैं
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