[ad_1]
![Petrol Price: जल्द मिलेगी राहत, घट सकती हैं पेट्रोल-डीजल की कीमतें; एक लाख करोड़ रुपये आवंटन की सरकार की योजना petrol-diesel prices may come down soon Central government planning to cut taxes on fuels Business news hindi](https://staticimg.amarujala.com/assets/images/2022/11/27/750x506/petrol-pump_1669524171.png?w=414&dpr=1.0)
सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : सोशल मीडिया
विस्तार
महंगे पेट्रोल और डीजल से लोगों को जल्द राहत मिल सकती है। भोजन और ईंधन की लागत में वृद्धि को रोकने के लिए सरकार एक लाख करोड़ का आवंटन कर सकती है। विभिन्न मंत्रालयों के बजट से इस रकम को आवंटित करने की योजना पर विचार हो रहा है। सरकारी सूत्रों ने बताया, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आने वाले हफ्तों में इस पर निर्णय ले सकते हैं।
इस योजना के तहत पेट्रोल और डीजल की बिक्री पर कर को कम किया जा सकता है। साथ ही खाना पकाने के तेल और गेहूं पर आयात शुल्क भी कम हो सकता है। सरकार ने पिछले साल 26 अरब डॉलर की योजना की घोषणा की थी। आम लोगों को राहत देने और जरूरी वस्तुओं की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए इस बार भी फैसला लिया जा सकता है। महंगाई लगातार मुद्दा बनी हुई है। जुलाई की खुदरा महंगाई बढ़कर 15 महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गई थी। इससे भी ज्यादा चिंता की बात सब्जियों और खाद्य पदार्थों की कीमतें थीं, जो बेतहाशा बढ़ी हैं।
चुनावों पर हो सकता है फोकस
सूत्रों के मुताबिक, चूंकि इस साल देश के कुछ राज्यों जैसे मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव और अगले साल आम चुनाव होने हैं। ऐसे में मोदी के पास मतदाताओं के लिए कीमतों पर लगाम कसने के लिए बस कुछ ही महीने बचे हैं। हालांकि, इस तरह के फैसले लेने से पहले बजट घाटे को भी देखना होगा, जिस पर पूरी दुनिया के निवेशकों की नजर है।
सरकार के पास एक लाख करोड़ खर्च करने की क्षमता
भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया में सबसे तेज रफ्तार से बढ़ रही है। ऐसे में सरकार के पास एक लाख करोड़ रुपये के आवंटन करने की क्षमता है। यह मार्च, 2024 में खत्म होने वाले बजट का केवल दो फीसदी है। सरकार बजट घाटे के लक्ष्य पर कायम रहते हुए गरीबों के लिए सस्ता कर्ज और घर उपलब्ध कराने की भी योजना पर विचार कर सकती है। देश के कई हिस्सों में भारी बारिश और बाढ़ के कारण कई घरेलू वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि हुई है। इसमें टमाटर और प्याज जैसी प्रमुख सामग्री भी शामिल है।
दोपहिया ईवी कंपनियों ने ग्राहकों को लौटाए 10 करोड़
सरकार की फेम सब्सिडी को गलत तरीके से हासिल करने वाली चार इलेक्ट्रिक दोपहिया कंपनियों ने ग्राहकों को अब तक 10 करोड़ रुपये लौटाए हैं। इन कंपनियों को कुल 300 करोड़ रुपये लौटाने हैं। ग्राहकों से मिली शिकायत पर सरकार ने ओला इलेक्ट्रिक, एथर एनर्जी, टीवीएस मोटर व हीरो मोटोकॉर्प की जांच की थी। यह कंपनियां सब्सिडी को पाने के लिए बिक्री मूल्य को कम दिखा रही थीं और चार्जर और सॉफ्टवेयर के लिए ऐड-ऑन के रूप में ग्राहकों से पैसे ले रही थीं। नियम के अनुसार, उन कंपनियों को ही सब्सिडी मिल रही थी जिनके इलेक्ट्रिक उत्पादों की कीमत 1.50 लाख से कम थी। यह कंपनियां सब्सिडी को पाने के लिए कीमतें कम तो रख रहीं थीं, लेकिन ग्राहकों से दूसरे तरीके से पूरे पैसे ले रहीं थीं।
ईएसआईसी ने जून में जोड़े 20.27 लाख नए सदस्य
कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) ने जून में कर्मचारी राज्य बीमा योजना के तहत 20.27 लाख नए सदस्य जोड़े हैं। जून में लगभग 24,298 नए प्रतिष्ठान पंजीकृत किए गए और उन्हें ईएसआईसी की सामाजिक सुरक्षा व्यवस्था के तहत लाया गया। श्रम मंत्रालय के एक बयान में बृहस्पतिवार को कहा गया कि ईएसआईसी के अनंतिम पेरोल डाटा के अनुसार जून 2023 में 20.27 लाख नए कर्मचारी जुड़े।
ओएनजीसी करेगी एक लाख करोड़ का निवेश
ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) इस दशक के अंत तक कम कार्बन ऊर्जा के अवसरों में 1 लाख करोड़ रुपये का निवेश करेगी। इसमें नवीकरणीय ऊर्जा और हरित हाइड्रोजन भी शामिल है, क्योंकि यह कम कार्बन ऊर्जा में तब्दील होना चाहती है।
[ad_2]
Source link