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Pitru Paksha 2023
– फोटो : अमर उजाला
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पितृ पक्ष शुरू हो गए हैं। घर-घर लोग अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए सुबह उठकर काले तिल, फूल और चावल के साथ उन्हें जल अर्पित करेंगे, ताकि उनके पूर्वज जहां भी हों, उन्हें शांति मिले।
इतना ही नहीं पूर्वजों के श्राद्ध के लिए पंडितों को भोज कराया जाएगा, उन्हें वस्त्र और दान दक्षिणा दी जाएगी और तो और परिवार के लोग जिन भूले-भटके पितरों के बारे में नहीं जानते, अमावस्या के दिन उनका भी तर्पण और श्राद्ध करेंगे लेकिन वृद्धाश्रमों में रह रहे असहाय बुजुर्गों की मौत के बाद उनका तर्पण कौन करेगा, इस सवाल पर वृद्धाश्रम में जीते जी गुमनान जिंदगी काट रहे बुजुर्ग अपना मुंह छिपा लेते हैं। उनकी आंखों में आंसू डबडबा जाते हैं।
शहर में सिद्धेश्वर नगर के वृद्धाश्रम में रह रहे 90 से अधिक बुजुर्गों का हाल भी ऐसा ही है। इनमें से कई बुजुर्ग बिल्कुल बेसहारा हैं, उनके बाद कोई इनका नाम लेने वाला भी नहीं है। वह बताते हैं कि मां-बाप की मौत के बाद सारे रिश्ते-नातेदार उनसे दूर हो गए।
सबने दुत्कार दिया, कोई दो रोटी तक नहीं दे सका। अब जिंदगी के बाद क्या होगा, उनका क्रिया कर्म और श्राद्ध कौन करेगा…उन्होंने ये सोचना भी छोड़ दिया है। वह बताते हैं कि जिंदा में कोई पूछने नहीं आता है, मरने के बाद किससे आशा करें।
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