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![Prayagraj : इलाहाबाद हाईकोर्ट की टिप्पणी- समाज में गंदगी फैला रहे हैं फिल्में-टीवी सीरियल, बताया लिव-इन का सच Movies and TV serials are spreading filth in the society Comments Allahabad High Court](https://staticimg.amarujala.com/assets/images/2022/05/27/prayagraj-news-ilhabtha-haiikarata_1653665851.jpeg?w=414&dpr=1.0)
Prayagraj News : इलाहाबाद हाईकोर्ट।
– फोटो : अमर उजाला।
विस्तार
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सहमति संबंध से जुड़े एक मामले में सहारनपुर के आरोपी अदनान को जमानत दे दी। उस पर आरोप है कि उसने एक साल तक सहमति संबंध में रहने वाली युवती के साथ दुष्कर्म किया। कोर्ट ने कहा कि फिल्में और टीवी सीरियल समाज में गंदगी फैला रहे हैं। हर मौसम में साथी बदलना एक स्थिर और सभ्य समाज के लिए ठीक नहीं है।
इस मामले में अदनान पर धारा 376 (दुष्कर्म) के तहत आरोप हैं। एक साल तक सहमति संबंध में रहने वाली युवती ने गर्भवती होने के बाद अदनान पर दुष्कर्म का आरोप लगाया। सुनवाई के बाद जस्टिस सिद्धार्थ ने कहा कि ऊपरी तौर पर सहमति संबंध बहुत आकर्षक रिश्ता लगता है। युवाओं को लुभाता है, लेकिन समय बीतने के साथ उन्हें एहसास होता है कि इस रिश्ते की कोई सामाजिक स्वीकृति नहीं है।
इस कारण उनमें हताशा बढ़ने लगती है।विवाह में व्यक्ति को जो सुरक्षा, सामाजिक स्वीकृति और स्थिरता मिलती है, वह सहमति संबंध में नहीं मिल पाती। अदालत ने आदेश में सहमति संबंध से बाहर निकलने वाले लोगों, विशेषकर महिलाओं, के सामने आने वाली चुनौतियों पर चर्चा भी की। उन्होंने कहा कि उनके लिए सामान्य सामाजिक स्थिति हासिल करना मुश्किल होता है।
दिया सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला
न्यायाधीश ने अदनान को जमानत देने के फैसले के पीछे जेलों में भीड़भाड़, आरोपी के मुकदमे के त्वरित निस्तारण के अधिकार और हाल के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला दिया। अदालत ने जमानत देते हुए आरोपी पर कई शर्तें भी लगाईं, जिनमें सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं करने, मुकदमे में ईमानदारी से सहयोग करने, आपराधिक गतिविधियों से बचने और गवाहों को प्रभावित नहीं करना आदि शामिल हैं। इन शर्तों का उल्लंघन करने पर जमानत रद्द हो सकती है।
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