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Rajasthan: मुकाबला गहलोत बनाम कमल…नजर वसुंधरा और सचिन पर, हर चुनाव में नये जनादेश का रहा है इतिहास

Rajasthan: मुकाबला गहलोत बनाम कमल…नजर वसुंधरा और सचिन पर, हर चुनाव में नये जनादेश का रहा है इतिहास

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Rajasthan: Contest Gehlot vs Kamal, history of new mandate in every election

अशोक गहलोत-वसुंधरा राजे
– फोटो : सोशल मीडिया

विस्तार


राजस्थान में चुनावी शंखनाद के बाद इस बार भावी परिणाम से ज्यादा चर्चा दिग्गज नेताओं के भविष्य को लेकर है। इनमें कांग्रेस में रह कर बगावती सुर अलापने वाले सचिन पायलट हैं तो दूसरी ओर राज्य में दो दशक से भाजपा की चेहरा रहीं वसुंधरा राजे हैं। कांग्रेस ने जहां सीएम अशोक गहलोत पर अपना भरोसा कायम रखा है, वहीं भाजपा ने इस बार वसुंधरा को चेहरा नहीं बनाने का साफ संदेश दे दिया है। 

दूसरे शब्दों में मुकाबला गहलोत बनाम कमल हो गया है। यूं तो राज्य का सियासी मिजाज हर साल नया जनादेश देने का रहा है, मगर इस बार इन दो दिग्गजों की नेतृत्व द्वारा की गई अनदेखी ने राज्य में नए सियासी समीकरण की संभावनाओं को जन्म दिया है। भाजपा की ओर से खुद प्रधानमंत्री ने यह कह कर वसुंधरा की संभावनाओं को धूमिल कर दिया है कि इस बार चुनाव में पार्टी का चेहरा सिर्फ कमल है। 

दूसरी ओर कांग्रेस ने भी पायलट को स्पष्ट संदेश दे दिया है कि नेतृत्व की कृपा उनकी जगह सीएम गहलोत पर ही बरसती रहेगी। ऐसे में, किनारे किए जाने के बाद सबकी निगाहें वसुंधरा और पायलट पर हैं। त्वरित प्रतिक्रिया देने की पहचान रखने वाली वसुंधरा नेतृत्व के फैसले पर चुप्पी साधे हुए हैं। 






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