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![Rajasthan Election: वसुंधरा खामोश, BJP को सता रहा बागियों का डर, 41 सीटों पर 18 से अधिक बागी ठोंक सकते हैं ताल Rajasthan Election 2023 Fear of rebels is haunting BJP 18 unhappy leaders can contest election](https://staticimg.amarujala.com/assets/images/2023/06/11/ex-cm-vasundhara-raje-attacked-sachin-pilot-and-ashok-gehlot_1686498205.jpeg?w=414&dpr=1.0)
पूर्व सीएम वसुंधरा राजे
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को हाशिए पर रखने की कोशिश में भाजपा के रणनीतिकारों ने उनके समर्थकों के टिकट जमकर काटे हैं। 41 उम्मीदवारों की सूची में 29 लोगों को पहली बार चुनाव लड़ने का मौका है। 7 सांसद भी चुनाव मैदान में हैं, लेकिन वसुंधरा राजे के खेमे के माने वाले नेताओं ने भी ताल ठोंक दी है। चुनाव मैदान में उतरने का न केवल मन बनाया, बल्कि ऐलान भी करने लगे हैं। जयपुर के सूत्र बताते हैं 41 विधानसभा सीटों में से 18 से अधिक पर भाजपा के बागी पार्टी के लिए मुसीबत खड़ी कर सकते हैं। इनमें कम से कम 8 सीटों पर राजे खेमे के माने जाने वाले प्रत्याशी कड़ी चुनौती दे सकते हैं।
राजस्थान में नाराज पार्टी के नेताओं को मनाने के लिए राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह खुद मैदान में उतर गए हैं। जयपुर में उन्होंने तमाम नेताओं से बातचीत की। कुछ को फोन पर मनाने का प्रयास किया। इस बीच वसुंधरा राजे मौन हैं। वह इस समय एक अनुशासित नेता की तरह व्यवहार कर रही हैं। जबकि केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, संगठन महासचिव चंद्रशेखर, प्रदेश की सह प्रभारी विजया रहाटकर, उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया, चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक नारायण पंचारिया समेत तमाम नेता बागियों को मनाने में जुटे हैं। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और अरूण सिंह ने पूर्व उराष्ट्रपति भैरो सिंह शेखावत के दामाद नरपत सिंह राजवी से बात की। केन्द्रीय मंत्री कैलाश चौधरी को भी नेताओं की नाराजगी दूर करने की जिम्मेदारी दी जा रही है।
पहली सूची वाली सीटों के बागी बिगाड़ सकते हैं खेल
नारायण पंचारिया समेत तमाम भाजपा नेता 41 सीटों के प्रत्याशियों को लेकर जितना उत्साहित हैं, उनके लिए उससे अधिक चिंता चुनाव लड़ने की घोषणा कर रहे भाजपा नेता हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में इन 41 सीटों में से 39 सीटों पर भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था। वसुंधरा सरकार में मंत्री रहे सूत्र का कहना है कि इस बार 39 में से दो दर्जन से अधिक सीटों पर हमारे प्रत्याशियों के जीतने की संभावना बन सकती थी।
लेकिन, भाजपा के राष्ट्रीय नेताओं ने राजस्थान में पिछले पांच साल से दुविधा को बढ़ावा दिया। जिनके टिकट कट रहे हैं, उन्हें लेकर अच्छा संदेश नहीं जा रहा है। वसुंधरा राजे के बारे में पूछने पर सूत्र का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री को समय आने पर सबकुछ ठीक हो जाने का भरोसा था। बताते हैं अभी 159 प्रत्याशियों की सूची आनी है। लेकिन, अगर इसी तरह से प्रत्याशियों के चयन की प्रक्रिया चली तो बागियों की संख्या बढ़ सकती है।
क्या अभी भी वसुंधरा चल रही हैं कोई राजनीतिक दांव?
वसुंधरा के करीबियों का कहना है कि संघ के नेताओं को भी दिल्ली से जयपुर भेजने की स्थिति कम रास आ रही है। हालांकि वसुंधरा राजे टिकट बंटवारे को लेकर सार्वजनिक तौर पर कुछ नहीं बोल रही हैं। सूत्र बताते हैं कि उन्होंने अपने करीबी नेताओं को शांत रहने और भाजपा के प्रति निष्ठा बनाए रखने के लिए कहा है। वसुंधरा की इस रणनीति को भी उनका राजनीतिक दांव माना जा रहा है। एक तरह से वह इसके बहाने भाजपा के राष्ट्रीय नेताओं को प्रत्याशियों की अगली सूची के लिए संदेश दे रही हैं। वसुंधरा खेमे की राजनीति को समझने वाले पूर्व विधायक का कहना है कि अभी इंतजार कीजिए। राजस्थान में 25 नवंबर को मतदान होना है। अभी नामांकन की तारीख में समय है।
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