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Raksha Bandhan: 30 नहीं 31 अगस्त को भाई के राखी बांधना होगा शुभ, जिसकी वजह आई सामने

Raksha Bandhan: 30 नहीं 31 अगस्त को भाई के राखी बांधना होगा शुभ, जिसकी वजह आई सामने

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auspicious to tie brother' rakhi on August 30 and not 31

रक्षाबंधन।
– फोटो : amar ujala

विस्तार


श्री गुरु ज्योतिष शोध संस्थान के ज्योतिषाचार्य पंडित हृदय रंजन शर्मा ने कहा है कि भाई-बहन के अटूट प्रेम का पर्व रक्षाबंधन का त्योहार श्रावणी पूर्णिमा 31 अगस्त को मनाया जाएगा। इस दिन पूर्णिमा तिथि सुबह 7:05 तक है। उदया तिथि होने से यह शुभ त्योहार पूरे दिन समस्त भारतवर्ष में मनाया जाएगा। 

रक्षाबंधन पर विशेष योग भी बन रहे हैं। दरअसल पूर्णिमा तिथि सुकर्मा योग लग रहा है। वैदिक ज्योतिष में सुकर्मा योग बनने से आर्थिक स्थिति मजबूत रहेगी और आपके रूके हुए काम पूरे हो जाएंगे। नौकरीपेशा वालों को कार्यक्षेत्र में उन्नति और पारितोषिक भी मिल सकता है। उन्होंने बताया कि रक्षाबंधन के माध्यम से भाई- बहन के बीच आपसी जिम्मेदारी और स्नेह में वृद्धि होती है। इस त्योहार पर राखी या रक्षासूत्र का सबसे अधिक महत्त्व है। 

उन्होंने बताया कि शास्त्रानुसार रक्षाबंधन में भद्रा टाली जाती है, जो इस बार पूरे दिन नहीं है। गत वर्ष की तरह इस वर्ष भी रक्षाबंधन पर भद्रा का साया नहीं रहेगा। उन्होंने बताया कि यदि पूर्णिमा के दौरान अपराह्न काल में भद्रा हो तो रक्षाबंधन नहीं मनाना चाहिए। ऐसे में यदि पूर्णिमा अगले दिन के शुरुआती तीन मुहूर्तों में हो तो पर्व के सारे विधि-विधान अगले दिन के अपराह्न काल में करने चाहिए। शास्त्रों के अनुसार भद्रा होने पर रक्षाबंधन मनाना पूरी तरह निषेध है, चाहें कोई भी स्थिति क्यों न हो। ग्रहण सूतक या संक्रांति होने पर यह पर्व बिना किसी निषेध के मनाया जाता है।

ज्योतिष पंचांगों के अनुसार पूर्णिमा तिथि का आरंभ 30 अगस्त को सुबह 10:58 बजे से होगा और पूर्णिमा तिथि का समापन 31 अगस्त को सुबह 07 बजकर 05 मिनट पर होगा। इस बार भद्रा 30 अगस्त को प्रातः 10 बजकर 58 मिनट से शुरू होगी जो रात्रि 09 :01 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। इसके बाद भद्रा मुक्त समय होने से रक्षाबंधन संपन्न किया जाएगा। भद्रा की स्थिति में कुछ शुभ कार्यों, यात्रा और उत्पादन आदि कार्यों को निषेध माना गया। इसलिए इस बार भद्रा का साया समाप्त होने पर ही रक्षाबंधन अनुष्ठान किया जाता है, लेकिन इस बार भद्रा मुक्त रक्षाबंधन होने से यह बहनों के लिए बहुत ही हर्ष का पर्व है।

रक्षाबंधन अनुष्ठान का शुभ मुहूर्त सुबह 06:02 मिनट से शाम 09:05 बजे तक रहेगा। अपराह्न का मुहूर्त दोपहर 12: 20 मिनट से दोपहर 01:50 मिनट तक रहेगा। इसके बाद दोपहर 3:30 से 6:00 बजे तक रक्षाबंधन श्रावणी उपक्रम करने का अत्यंत शुभ मुहूर्त माना जाएगा। 

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