[ad_1]
रामपुर। शहर में तमाम ऐसे सरकारी और निजी भवन हैं जो जर्जर हालत में है। पालिका की ओर से ऐसे 3600 भवनों को डेढ़ साल पहले चिह्नित कर नोटिस जारी किया गया था, लेकिन उनके ध्वस्तीकरण की कार्रवाई नहीं की गई। इन भवनों के गिरने से कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है, लेकिन जिम्मेदार इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।जनवरी 2022 में नगर पालिका परिषद की ओर से शहर के 43 वार्डों में सर्वे किया गया था। इस दौरान 3600 जर्जर भवन चिह्नित कर नोटिस जारी किए गए थे। इनमें सरकारी के साथ निजी मकान भी शामिल थे। तत्कालीन ईओ ने सूची तैयार कर ध्वस्तीकरण का आदेश दिया था, लेकिन इस पर अमल नहीं हुआ। डेढ़ साल बीतने के बाद भी लोग इन जर्जर भवनों में रह रहे हैं।
किला क्षेत्र, पीलीकोठी के पास, नगर पालिका क्षेत्र, पुराना नसरुल्ला बाजार में सबसे ज्यादा जर्जर मकान हैं। इन घरों की दीवारों का प्लास्टर उखड़ चुका है। दीवारों में दरारें पड़ी हैं। बारिश में छत से पानी टपकता है। इस बारिश में अब तक ऐसे 15 मकान गिर चुके हैं। इसके बाद भी लोग जान जोखिम में डालकर इनमें रह रहे है। इससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।
जर्जर भवनों का दोबारा से सर्वे कराया जाएगा। इसके बाद ध्वस्तीकरण की कार्रवाई कराई जाएगी। इसके लिए टीम को निर्देश दिए जा चुके हैं। -अवनीश कुमार, प्रभारी ईओ, नगर पालिका रामपुर।
[ad_2]
Source link