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रामपुर। जीवन की आपाधापी के बीच सेहत और दिल को दुरुस्त रखना चुनौती बनता जा रहा है। दिल की सेहत के लिए दिनचर्या को थोड़ा बेहतर करना होगा। डॉक्टर इसके लिए सबसे जरूरी छह से आठ घंटे की नींद और कम तनाव को मानते हैं। लोगों को दिल की बीमारियों के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल 29 सितंबर को विश्व ह्दय दिवस मनाया जाता है। दिल का सबसे बड़ा दुश्मन कम नींद लेना और ज्यादा तनाव है। इसका बड़ा कारण खराब जीवनशैली है। इसके अलावा गलत खानपान और वायु प्रदूषण भी दिल के खराब होने की बड़ी वजह है।
सरकारी अस्पतालों में नहीं ह्दय रोग का विशेषज्ञ
जिला अस्पताल में तकरीबन आठ साल पहले ह्दय रोग विशेषज्ञ हुआ करते थे। उनके जाने के बाद से यहां पर ह्दय रोग का कोई डॉक्टर नहीं है। दिल से जुड़ी समस्याओं पर मरीज का ईसीजी कराया जाता है। इसके बाद जनरल फिजीशियन ही रिपोर्ट को देखकर दवा देते हैं। ह्दय रोग के गंभीर मरीजों को यहां से मुरादाबाद के लिए रेफर किया जाता है। शहर में समाजसेवी संस्था की ओर से एक निजी अस्पताल में ह्दय रोग के विशेषज्ञ मरीजों को देखा करते थे। मगर अस्पताल बंद हो जाने से डॉक्टर यहां से चले गए। अब शहर में एक दो डॉक्टर ही ह्दय रोग के विशेषज्ञ हैं।
शहर में वरिष्ठ ह्दय रोग के विशेषज्ञ डॉ. राजीव कुमार का कहना है कि ह्दय रोग से बचाव के लिए सरल तरीका है जीवनशैली में बदलाव। लगातार छह घंटे बैठना भी ह्दय रोग का कारण बन सकता है। इसलिए गहरी नींद लें। ऐसी नींद जैसे बच्चे सोते हैं।
आयुर्वेद चिकित्सक डाॅ. कुलदीप चौहान का कहना है कि उचित दिनचर्या और नियमित जांच से दिल को दुरुस्त रखा जा सकता है। ह्दय रोग से बचने के लिए व्यायाम और ध्यान को जीवनशैली का हिस्सा बनाएं। वजन, कोलेस्ट्रॉल, ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर आदि को नियंत्रित रखें।
ह्दय रोग के कारण
-कोलेस्ट्रॉल बढ़ना
-धूम्रपान
-शराब पीना
-तनाव
-आनुवंशिकता
-मोटापा
-उच्च रक्तचाप
इन बातों पर दें ध्यान
-देर रात तक जागने से बचें।
-नमक का कम मात्रा में सेवन करें।
-ताजा सब्जियां और फल का सेवन करें।
-तंबाकू से दूर रहें।
-कम वसा वाले आहार लें।
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