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भोट (रामपुर)। थाना क्षेत्र के सनकरी गांव में रविवार का दिन ग्रामीणों को कभी न भूल पाने वाला दर्द दे गया। कच्ची दीवार गिरते ही बच्चे चिल्लाएं, लेकिन फिर उनकी चीखें मलबे में दब गईं। गांव में हादसे का शोर मचा और तमाम ग्रामीण कुछ देर में ही मौके पर पहुंच गए। मलबा हटाया तब तक तीन बच्चों की मौत हो चुकी थी। वहीं घायल दो बच्चों को तुरंत एंबुलेंस से जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। तीन बच्चों की मौत से गांव में मातम छाया है।
ग्रामीणों ने बताया कि सभी बच्चे सुबह से घर के बाहर बने खड़ंजे पर ही खेल रहे थे। पीड़ितों के घर गांव के आखिरी छोर में होने के कारण वहां तक कभी-कभी ही वाहन आते हैं, जिस कारण बच्चे अक्सर खड़ंजे पर ही खेलते रहते थे। हादसे से थोड़ी देर पहले ही वहां से एक पिकअप गुजरी थी। इसके बाद सभी बच्चे इनायत (5), अल्बख्श (3) और अलीम (3), अनम (5) और शारिक (3) सड़क से हटकर अली हसन के घर के बाहर खेलने लगे।
बच्चों को वहां खेलते कुछ देर ही हुई थी कि हादसा हो गया। आसपास मौजूद लोगों ने बताया दीवार गिरते ही बच्चे एक बार चिल्लाए, फिर उनकी चीख भी नहीं निकली। तुरंत ही गांव के तमाम लोग मौके पर जुट गए और मलबा हटाया, लेकिन तब तक इनायत, अलबख्श और अलीम की मौत हो चुकी थी। ग्रामीणों का कहना था कि अगर बच्चे सड़क पर ही खेलते रहते तो उनकी जान बच जाती।
सूचना मिलते ही पहुंच गए अधिकारी
एसडीएम बिलासपुर हिमांशु उपाध्याय, तहसीलदार बिलासपुर, सीओ राजस्व टीम के साथ मौके पर पहुंच गए व घटना स्थल का निरीक्षण कर परिजनों से आवश्यक जानकारी ली। बाद में एसपी राजेश द्विवेदी और एएसपी डॉ. संसार सिंह भी पहुंच गए। पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी ने परिजनों से बातचीत कर उन्हें ढांढस बंधाया। इस दौरान परिजनों ने कानूनी कार्रवाई से इन्कार करते हुए पोस्टमार्टम कराने से इन्कार कर दिया। एसपी ने मौजूद अधिकारियों को निर्देश दिए कि परिजनों की भावनाओं का सम्मान करें। इसके बाद पुलिस ने बिना पोस्टमार्टम कराए शव परिजनों के सुपुर्द कर दिए।
जांच के बाद दी जाएगी सहायता :एसडीएम
एसडीएम हिमांशु उपाध्याय ने बताया कि घटना बेहद दर्दनाक है। परिजनों ने बच्चों के शवों का पोस्टमार्टम नहीं कराया है। पुलिस ने पंचनामा जरूर भरा है। जांच कराई जा रही है। दैवीय आपदा के तहत मदद दिलाने का प्रयास किया जाएगा।
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