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रामपुर। जिले में मेडिकल कॉलेज बनने का ख्वाब अधूरा है। दो साल पहले शासन से मेडिकल कॉलेज बनाने की कवायद शुरू हुई थी। मगर यह कवायद सिर्फ प्रस्ताव मंजूरी तक सिमट कर रह गई। अभी तक सिर्फ एक बार शासन ही शासन से निरीक्षण के लिए टीम आई है। इसके चलते जिले के गंभीर रोगी आज भी इलाज के लिए बड़े शहरों की दौड़ लगा रहे हैं। साथ ही मेडिकल की पढ़ाई के लिए विद्यार्थियों को दूर जाना पड़ रहा है।दो सितंबर 2021 को लखनऊ में हुई कैबिनेट की बैठक में रामपुर में मेडिकल कॉलेज के निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई थी। जिसके बाद स्वास्थ्य अधिकारियों ने जिले का दौरा करते हुए मेडिकल कॉलेज के निर्माण के लिए जगह को चिह्नित किया था। यह तय हुआ कि मेडिकल कॉलेज जिला अस्पताल परिसर को ही उच्चीकृत करके बनाया जाएगा। यहां पर ओपीडी शुरू कर मरीजों को 500 बेड की सुविधा देने का निर्णय हुआ था।
वहीं मेडिकल की पढ़ाई के लिए जिला मुख्यालय के नजदीक सदर तहसील के गांव अलीनगर बेनजीर और जगतपुर में जगह चिह्नित कर ली गई थी। इसके बाद टीम यहां से वापस लौट गई। इसके बाद जिले में मेडिकल कॉलेज से संबंधित कोई गतिविधि होती नजर नहीं आई। जिले में मेडिकल कॉलेज के निर्माण का प्रस्ताव अधर में लटक गया। ऐसे जिले के गंभीर रोगी इलाज के लिए दूर-दराज भाग रहे हैं।
इनसेट
सांसद ने भी सीएम से की थी मेडिकल कॉलेज की मांग
पिछले साल सांसद बनने के बाद घनश्याम सिंह लोधी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भेंट कर रामपुर में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाए जाने के लिए मेडिकल कॉलेज खोले जाने का अनुरोध किया था। सांसद ने कहा था कि साथ ही दिल्ली से उत्तराखंड और लखनऊ को जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग पर आए दिन बड़े-बड़े हादसे होते रहते हैं। इसको देखते हुए रामपुर में मेडिकल कॉलेज खोला जाना बहुत जरूरी है। सीएम ने उन्हें आश्वासन दिया था, लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ।
क्या फायदा होगा मेडिकल कॉलेज बनने से
मेडिकल कॉलेज बनने से हादसों में गंभीर घायलों को ट्राॅमा सेंटर के लिए दिल्ली, लखनऊ नहीं जाना पड़ेगा। उन्हें यहीं उपचार मिल सकेगा। साथ ही मेडिकल की पढ़ाई शुरू हो जाएगी। युवाओं को मेडिकल की पढ़ाई के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा। मेडिकल कॉलेज में हर रोग के विशेषज्ञ और मरीजों को आधुनिक जांच की सुविधाएं दी जाएंगी।
मेडिकल कॉलेज का निर्माण पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) पर होना है। इसके लिए हम जमीन उपलब्ध करा सकते हैं। बाकी निर्माण संबंधी अन्य कवायद शासन व प्राइवेट कंपनी को मिलकर करनी हैं।
डॉ. एसपी सिंह, सीएमओ, रामपुर
मेडिकल कॉलेज के निर्माण के लिए प्रस्ताव बनाकर यहां से भेजा गया था। जिसकी स्वीकृति पर यहां टीम आई और जगह का निरीक्षण कर चली गई। इसके बाद से अभी तक इस पर कोई काम नहीं हुआ है।
डॉ. एचके मित्रा, सीएमएस, जिला अस्पताल रामपुर
जिले में स्वास्थ्य सेवाओं का हाल
जिला अस्पताल – 262 बेड
महिला अस्पताल – 76 बेड
कुल सीएचसी-05
कुल पीएचसी-36
हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर-219
आजम के मेडिकल काॅलेज पर पड़ चुके ताले
सपा के वरिष्ठ नेता आजम खां ने जौहर यूनिवर्सिटी के साथ ही मेडिकल काॅलेज भी खोला था। इसके लिए बकायदा अलग से विशाल भवन बनाया गया था और मेडिकल काॅलेज में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों की भी व्यवस्था की गई थी। इसके अलावा अस्पताल भी खोला गया था, जिसमें कुछ डाॅक्टरों की तैनाती भी की गई थी। मगर, सरकार बदलने के साथ जैसे-जैसे आजम खां पर संकट के बादल मंडराने लगे वैसे ही मेडिकल काॅलेज पर भी ताले पड़ गए। नाराज आजम खां ने बाद में मेडिकल काॅलेज को बंद करने का एलान कर दिया था।
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