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रामपुर। जिले में प्रतिबंध के बावजूद खेतों में पराली जलाई जा रही है। अब तक 13 मामले आ चुके हैं। वहीं इसके अलावा भी कई खेतों में पराली जलाए जाने के सुबूत मिले है।
जिलेभर में डेढ़ लाख हेक्टेयर में धान की फसल की बुआई हुई थी। अब धान की कटाई का काम चल रहा है। वहीं इस दौरान जिले में कई खेतों में पराली जलाए जाने की घटना सामने आ रही है, जबकि शासन से पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए किसानों पर जुर्माने का प्रावधान किया है। घटनाओं पर अंकुश के लिए सेटेलाइट से निगरानी की जा रही है। वहीं इसके बावजूद भी जिले में अब तक 13 घटनाएं आ चुकी हैं। बिलासपुर में 10 और मिलक मे तीन घटनाएं हुई हैं। इनमें से कृषि विभाग पांच किसानों से 12500 रुपये का जुर्माना वसूल कर चुका है।
कहीं पर आयोजित नहीं किए जागरूकता शिविर
घटनाओं को रोकने के लिए किसानों को जागरूक करने के लिए गांव-गांव शिविर लगाने के निर्देश हैं, लेकिन कृषि विभाग की ओर से कहीं पर जागरूकता से संबंधित शिविर आयोजित नहीं किए गए हैं। ऐसे में किसानों में पराली के प्रबंधन को लेकर कोई जागरूकता नजर नहीं आ रही है।
पराली का ऐसे करें प्रबंधन
-फसल के अवशेष को इकट्ठा कर कंपोस्ट बनाएं।
-कंबाइन से कटाई किए गए धान के खेते में हैप्पी सीडर मशीन के प्रयोग से गेहूं की सीधी बुवाई की जा सकती है।
-एमवीप्लाओ द्वारा पराली को खेतों में दबाकर एवं सड़ाकर समाधान किया जा सकता है।
-पराली के बायो पॉवर प्लांट को बेचकर लाभ कमा सकते हैं।
-गोशालाओं में पराली दान दे सकते हैं।
-डी-कंपोजर का इस्तेमाल करके पराली की खाद बना सकते हैं।
-एफपीओ को पराली देकर लाभ कमा सकते हैं।
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