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रामपुर। शहर के साथ ही गांवों में भी बुखार के रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। रोगी नजदीक के स्वास्थ्य केंद्रों पर इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। बुधवार को सीएचसी की पड़ताल की गई। स्वार की सीएचसी में एक डॉक्टर ने चार घंटे यानी 240 मिनट की ओपीडी में 480 मरीजों को देखा। एक मरीज को सिर्फ 30 सेकेंड में देखकर दवा दे दी।वहीं शाहबाद की सीएचसी में भी रोगियों को देखने के लिए एक डॉक्टर उपलब्ध रहे। टांडा सीएचसी में भी चिकित्सकों की कमी के चलते मरीजों को घंटों लाइन में लगना पड़ता है। ऐसे में बेहतर इलाज की उम्मीद लेकर पहुंचे बीमार लोगों को डॉक्टर जल्दी-जल्दी देखकर ड्यूटी पूरी कर रहे हैं। हर सीएचसी पर औसतन 400 से 500 मरीज इलाज के लिए पहुंचे। इनमें 70 फीसदी रोगी बुखार से पीड़ित थे। बुखार, डेंगू-मलेरिया के प्रकोप के बीच स्वास्थ्य सेवाएं बेपटरी हैं।
सीएचसी पहुंचे अधिकतर मरीज बुखार पीड़ित
स्वार सीएचसी में बुधवार को मरीज ओपीडी में डॉक्टर को दिखाने के लिए पहुंचे थे। इनमें अधिकतर रोगियों की बुखार की समस्या थी। हालांकि, खून की जांच में इनमें कोई भी डेंगू अथवा मलेरिया पॉजिटिव नहीं आया। ओपीडी में डॉ. सुमित सक्सेना ने 480 मरीजों को देखा। उन्होंने बताया कि वायरल बुखार के रोगी अधिक आ रहे हैं। इसके अलावा महिला रोग विशेषज्ञ के पास भी तमाम महिलाएं दिखाने के लिए पहुंचीं।
ओपीडी में एक डॉक्टर ने देखे मरीज
शाहबाद सीएचसी पर नए और पुराने मिलाकर करीब पांच सौ रोगियों की ओपीडी बुधवार को हुई। यहां पर डॉ. आरके चंदेल मीटिंग में व्यस्त दिखाई दिए। डॉ. पदम विभाग के काम से रामपुर गए हुए थे। एकमात्र डॉ. जुबेर ने रोगियों को देखा। उन्होंने बताया कि अधिकांश रोगी बुखार से पीड़ित थे। रोगियों की खून की जांच कराने के बाद रिपोर्ट के आधार पर दवा दी गई।
टांडा सीएचसी पर केवल दो डॉक्टर तैनात
टांडा सीएचसी पर दो डॉक्टरों की ही तैनाती है। चिकित्सा प्रभारी डॉ. सतेंद्र और एक अन्य डॉक्टर की ही रोगियों को देखते हैं। ऐसे में डॉक्टरों की कमी से रोगियों को जूझना पड़ता है। चिकित्सा प्रभारी ने बताया कि मौसम को देखते हुए बुखार के रोगी इलाज को पहुंच रहे हैंं। रोगी की जांच के बाद दवा दी जा रही है। डॉक्टरों की कमी के चलते मरीजों को घंटों लाइन में लगना पड़ता है।
मरीजों में अधिकतर बुखार से पीड़ितबिलासपुर सीएचसी पर बुधवार को चार चिकित्सकों ने मरीजों कोद देखा। चिकित्सकों ने बताया कि 80 फीसदी मरीज टाइफाइड, वायरल, मलेरिया आदि बुखार से पीड़ित हैं। परीक्षण के बाद उन्हें दवा दी गई। सीएचसी अधीक्षक डॉ. अजीज हसन अंसारी ने बताया कि बुधवार को 530 नए मरीज और 250 पुराने मरीजों का उपचार किया गया।
मिलक सीएचसी पर डॉक्टरों की कमी
मिलक सीएचसी पर केवल दो डॉक्टर तैनात हैं। ऐसे में मरीजों को डॉक्टर की कमी से परेशान होना पड़ता है। सीएचसी पर आंखों का कोई डॉक्टर नहीं है। इसके अलावा हड्डी के डॉक्टर की भी यहां पर कमी बनी हुई है। बुधवार को 285 नए मरीज एवं 157 पुराने मरीज इलाज के लिए पहुंचे थे। डॉक्टरों ने देखकर इनको दवा दी। बीमारी से बचाव के उपाय बताए।
बयान
सीएचसी के सभी चिकित्साधीक्षकों को निर्देश दिए हैं कि बुखार, डेंगू और मलेरिया के रोगियों की कड़ी निगरानी करें। ऐसे मरीजों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराएं। डॉक्टर स्वास्थ्य टीम के साथ किसी गांव में भ्रमण अथवा आवश्यक कार्य से बाहर होंगे। सभी डॉक्टरों को नियमित रूप से बैठने के लिए कहा है।
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