[ad_1]
रामपुर। कारतूस कांड के खुलासे के लिए एसटीएफ ने स्थानीय पुलिस की मदद से सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर को खंगाला था। साथ ही सीआरपीएफ से कारतूसों का हिसाब किताब भी मांगा था। पुलिस और एसटीएफ ने उस वक्त गिरफ्तार किए गए सीआरपीएफ के हवलदारों के घर पर भी छापेमारी की थी, जिसके बाद कई राज खुले थे।एसटीएफ ने 29 अप्रैल 2010 को राम रहीम पुल के पास से प्रयागराज निवासी पीएसी के रिटायर्ड दरोगा यशोदानंदन, सीआरपीएफ के हवलदार विनोद व विनेश को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने उनके पास से कारतूस व खोखों के साथ ही रुपये भी बरामद किए थे। पुलिस ने जब इन लोगों से पूछताछ की तो उन्होंने कई राज उगले, जिसके बाद एसटीएफ व पुलिस ने सीआरपीएफ के आला अफसरों से संपर्क साधा और फिर अफसरों के साथ यह टीम सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर पहुंची थी। वहां पूरे परिसर में सर्च ऑपरेशन चलाया था। तत्कालीन एसपी रमित शर्मा के नेतृत्व में इस टीम ने चेकिंग अभियान चलाया था। साथ ही पुलिस व एसटीएफ ने उस वक्त सीआरपीएफ के आर्मोरर विनोद व विनेश के घर में छापेमारी की थी। इसके बाद एसटीएफ ने मुरादाबाद, बनारस, बस्ती, चंदौली, प्रयागराज, कानपुर, बाराबंकी, मऊ के साथ ही बिहार, झारखंड व छत्तीसगढ़ में जाकर छापेमारी की और बरामदगी की।
ये हुई थी बरामदगी
1.75 लाख रुपये नकदी
तीन क्विंटल खोखा व कारतूस
कई इंसास रायफल
[ad_2]
Source link