[ad_1]
रामपुर। सरकार द्वारा चलाए जा रहे स्वच्छता ही सेवा अभियान के अंतर्गत कचरा मुक्त भारत अभियान को लेकर प्रधान गंभीर नहीं है। प्रशासन की ओर से बुलाई गई कार्यशाला में जिले के 62 ग्राम प्रधान नहीं पहुंचे। इस पर नाराजगी जताते हुए डीएम रविंद्र कुमार मांदड़ ने अनुपस्थित प्रधानों का सितंबर माह का मानदेय काटने और उनके गांव में कराए गए विकास कार्यों की जांच कराने के आदेश दिए हैं। डीएम ने कार्यशाला में मौजूद प्रधानों को गांवों में स्वच्छता रखने के लिए प्रेरित किया। स्वच्छता ही सेवा अभियान के तहत शनिवार को बरेली रोड स्थित भारत गार्डन में ग्राम प्रधानों, सचिवों की कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में सैदनगर से 05, स्वार से 18, बिलासपुर से 15, मिलक से 08, शाहबाद से 07 और चमरौआ से 09 सहित कुल 62 ग्राम प्रधान गैरहाजिर रहे। इन सभी प्रधानों का सितंबर माह का मानदेय रोकते हुए उनकी ग्राम पंचायत में अब तक कराए गए कार्यों की जांच कराने के निर्देश डीएम ने डीपीआरओ जाहिद हुसेन को दिए।
डीएम ने कहा कि प्रधानों द्वारा कार्यशाला में भाग न लेने का सीधा मतलब यह है कि उनके द्वारा अपनी ग्राम पंचायत में या तो विकास कार्यों को प्राथमिकता से प्रभावी नहीं बनाया गया है अथवा कार्यों को कराए जाने के दौरान अनियमितता बरती गई है। इसलिए इन ग्राम पंचायतों के कार्यों की जांच होगी। उन्होंने कहा कि 15 अक्तूबर तक गांव की सड़कें गड्ढामुक्त हो जाएं और 2 अक्तूबर तक प्रत्येक ग्राम पंचायत में विशेष सफाई अभियान चलाया जाए।
डीएम ने कहा कि जिले में 219 गांवों में हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बने हुए हैं, जहां सीएचओ सामान्य प्रकृति की बीमारियों का उपचार करने में समर्थ है। यदि सीएचओ समय से नहीं पहुंचते हैं तो शिकायत करें। उन्होंने प्रधानों को स्पष्ट रूप से निर्देश दिए कि प्रधानों के पास सरकारी कार्यों को प्रभावी बनाने में असहयोग करने का कोई विकल्प नहीं है। इस दौरान सीडीओ नंदकिशोर कलाल, डीसी मनरेगा मंशाराम यादव, सीएमओ एसपी सिंह, डीपीआरओ जाहिद हुसैन, उपयुक्त उद्योग मुकेश कुमार, डीपीओ जितेंद्र कुमार जायसवाल, बीएसए संजीव कुमार सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
[ad_2]
Source link