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रामपुर। स्वार के मधुपुरी गांव के जंगल में खेत की रखवाली को जा रहा इश्तियाक (25) पुत्र मो. अहमद कोसी नदी में बह गया। खेतों में काम कर रहे किसानों ने उसे डूबता देख शोर मचाया। कुछ किसान उसे बचाने के लिए नदी में भी कूदे, लेकिन वह नहीं मिला। सूचना पर पहुंचे अधिकारियों ने पीएसी के गोताखोरों को बुलाकर तलाश शुरू कराई। हादसे के करीब साढ़े सात घंटे बाद शाम चार बजे घटनास्थल से आधा किलोमीटर दूर युवक का शव मिला।
इश्तियाक अहमद बृहस्पतिवार की सुबह लगभग साढ़े आठ बजे कोसी नदी के पार स्थित अपने खेत की रखवाली के लिए घर से निकला था। उसका खेत गांव के पश्चिमी दिशा में बहने वाली कोसी नदी के पार है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार वह तैरते हुए नदी पार कर रहा था। नदी का जलस्तर बुधवार की अपेक्षा कम था, लेकिन प्रवाह तेज था। युवक बीच नदी में पहुंचकर भंवर में फंसकर बहने लगा।
नदी के तट पर मौजूद ग्रामीणों ने उसे डूबते देखा तो शोर मचा दिया और नदी में कूदकर उसकी तलाश की, लेकिन युवक का पता नहीं चला। सूचना मिलने पर सीओ अनुज चौधरी, तहसीलदार आकाश संत, कोतवाल कोमल सिंह, नायब तहसीलदार मानवेन्द्र सिंह यादव और ग्राम प्रधान डॉ. प्रेमपाल मौके पर पहुंच गए। अधिकारियों ने पीएसी के गोताखोरों को बुलवा लिया। गोताखोरों ने तलाश शुरू की तब शाम करीब चार बजे युवक का शव घटनास्थल से 500 मीटर दूर मिला। परिजनों ने पोस्टमार्टम कराने से इन्कार कर दिया।
बीमार पिता ने हाथ पकड़कर कहा, मत जा बेटा
इश्तियाक जब खेत पर जाने के लिए निकला तो उसके 70 वर्षीय पिता मो. अहमद ने उसे रोका। परिवार के लोगों ने बताया कि इश्तियाक का हाथ पकड़ कर रोकते हुए मोहम्मद अहमद ने कहा कि बेटा मत जा, लेकिन इश्तियाक यह कहकर चला गया कि जानवर फसल बर्बाद कर देेंगे। नदी पार करते समय उसकी जान चली गई। इश्तियाक के पिता मोहम्मद अहमद कई दिन से बीमार हैं।
बेटे की मौत की खबर सुनकर बेसुध हुए माता-पिता
इश्तियाक की मौत की खबर जब पिता मोहम्मद अहमद को हुई तो वह बेसुध हो गए। मां भी सदमे में आ गई। पिता ने कहा कि बेटे ने बात मान ली होती तो जान बच जाती। इश्तियाक के पांच भाई और तीन बहनें हैं।
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