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रामपुर।
मौसम में बदलाव की वजह से बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ी है। जिला अस्पताल में हर रोज औसतन 1300 मरीज पहुंच रहे हैं। ऐसे में डॉक्टरों की कमी के चलते ओपीडी में मरीजों की लाइन लगी हुई है। मरीज को डॉक्टर से परामर्श लेने के लिए दो से चार घंटे तक इंतजार करना पड़ रहा है।
डेंगू और मलेरिया का प्रकोप पहले से ही कम नहीं था, कि अब एक दिन पहले हुई बारिश से बुखार की रोगियों की संख्या एकाएक बढ़ गई है। मंगलवार को जिला अस्पताल की ओपीडी में 1342 मरीज ने पंजीकरण कराया। इनमें से 312 मरीज बुखार के चिह्नित किए गए। 200 के करीब मरीजों को खांसी और शरीर में दर्द की शिकायत थी। ऐसे में मरीज को देखने के लिए डॉक्टरों के पसीने छूट गए। पर्चा और दवा काउंटर से लेकर ओपीडी में डॉक्टर के कक्षा के बाहर मरीजों की लंबी-लंबी लाइन लगी रही। इस कारण एक-एक मरीज को डॉक्टर के दिखाने के लिए दो से चार घंटे तक लाइन में इंतजार करना पड़ा।
इससे पहले पर्चा बनवाने के लिए भी मरीज परेशान हुए। लाइन में लगे चिकना मिलक गांव के रामप्रसाद ने बताया कि बुखार की समस्या होने पर सुबह आठ बजे से अस्पताल में डॉक्टर को दिखाने हैं। दोपहर में 11 बजे तक इनका नंबर नहीं आया था। इसी प्रकार सींघां खेड़ा के राजू बुखार में डॉक्टर को दिखाने पहुंचे थे। उन्हें भी लाइन में लगे तीन घंटे बीत चुके थे। अस्पताल में डॉ. डीके वर्मा और डॉ. संजय अग्रवाल सहित चार डॉक्टरों ने बुखार के मरीजों को देखा था।
– तीन दिन से बुखार की शिकायत है। अस्पताल में दिखाने के लिए आए थे। ओपीडी में काफी लंबी लाइन लगी थी। तीन घंटे बाद डॉक्टर के पास नंबर आया।
-माया देवी, चिकना मिलक।
पांच दिन से बुखार आ रहा है। अस्पताल में डॉक्टर को दिखाकर दवा ले रहा हूं। दवा से आराम तो मिला है लेकिन डॉक्टरों की कमी से इंतजार लंबा करना पड़ता है।
– नसीम, जीठनिया।
– अस्पताल में डॉक्टर के 22 पद स्वीकृत है। जिसमें से 12 डॉक्टरों की तैनाती है। इनमें से कुछ डॉक्टरों की इमरजेंसी में भी ड्यूटी रहती है। इस वजह से मरीजों को असुविधा हो रही है। शासन को डॉक्टरों की कमी पूरी किए जाने के संबंध में पत्र भेज कर अवगत करा दिया है।
-डॉ. एचके मित्रा, सीएमएस जिला अस्पताल।
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